काव्य संग्रह ‘ख्वाब न मरने पाएं’ के लेखक ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव जी से एक साक्षात्कार

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Buuks2Read को साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय देने के लिए ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव जी का धन्यवाद करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव जी का एक काव्य संग्रह ‘ख्वाब न मरने पाएं’ पिछले दिनों ही प्राची डिजिटल पब्लिकेशन से प्रकाशित हुआ है। वर्तमान में पेशे से एक शिक्षक ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव जी ने Buuks2Read को साक्षात्कार के दौरान अपने जीवन के अनुभवों एवं साहित्यिक सफरनामा को बहुत सुंदर शब्दों में बयां किया है। आशा करते हैं कि पाठकों को ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव जी का साक्षात्कार पसंद आएगा। साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश आपके लिए प्रस्तुत हैं-

Interview with Brajesh Kumar Shrivastava

Buuks2Read : नमस्कार। हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। यदि आप अपने शब्दों में आप अपना परिचय देंगें, तो सम्मानित पाठक आपके बारे मे ज्यादा जान पायेंगे?

Brajesh Kumar Shrivastava : मेरा नाम ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव है। मैं उत्तर प्रदेश के गोंडा शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय फातिमा सीनियर सेकेंडरी स्कूल (जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद दिल्ली से एफिलिएटेड है) में गणित विषय के प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हूं। मैं अब तक अपने शिक्षण कार्य काल का 28 वर्ष पूरा कर चुका हूं। साहित्यिक परिचय में अभी कुछ विशेष नहीं है। बस ये मेरा संकलन ही प्रकाशित हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ और लिखना है। मेरा मन एक रथ है जिस पर मेरे शब्द सवार हैं। मैं बस अपने शब्दों का सारथी हूं।

Buuks2Read : आपकी एक पुस्तक पिछले दिनों ही प्रकाशित हुई है, उसके बारे में जानकारी दे, ताकि पाठक आपकी किताब के बारे में ज्यादा जान सकें?

Brajesh Kumar Shrivastava : ‘ख्वाब न मरने पाएं’ पुस्तक मेरा पहला प्रकाशित काव्य संकलन है। इसमें मेरी लिखी हुई कुछ चुनिंदा गजलें, कविताएं, गीत और रुबाइयां संकलित हैं। मेरी रचनाओं का कोई निश्चित क्षेत्र नही है। मेरा कल्पनाशील मन मुझे जिस दिशा में भी ले गया मैं उसके साथ ही चलता रहा और लिखता रहा फिर वो दिशा चाहे कोई भी हो। समाज, प्रेम, सुख, दुख, संघर्ष, अध्यात्म, व्यंग्य, प्रेरणा, शिक्षा, अमीरी, गरीबी, संवेदना आदि कोई भी दिशा हो सकती है। मेरी रचनाएं इन्ही दिशाओं के इर्द गिर्द घूमती हैं।

Buuks2Read : पुस्तक प्रकाशित कराने का विचार कैसे बना या किसी ने प्रेरणा दी?

Brajesh Kumar Shrivastava : वैसे तो कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मैं अपनी रचनाएं पोस्ट करता रहता हूं और पाठको की तरफ से सराहना और प्रेरणा भी मिलता रहता है। मैने सोचा कि कोई ऐसी जगह हो जहां मेरी सभी अच्छी रचनाएं एक साथ उपलब्ध हों, तो फिर किताब से अच्छी जगह और क्या हो सकती है। मेरी रचनाओं की संख्या भी इतनी हो गई थी कि एक किताब प्रकाशित हो सके बस ऐसे ही किताब प्रकाशित करने का विचार बना। नि:संदेह कुछ रचनाकारों की प्रकाशित किताबों से भी प्रेरणा मिली।

Buuks2Read : पुस्तक के लिए रचनाओं के चयन से लेकर प्रकाशन प्रक्रिया तक के अनुभव को पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगें?

Brajesh Kumar Shrivastava : मैंने अपने एक ब्लॉग पर अपनी हर तरह की रचनाएं संकलित कर रखी हैं। सबसे पहले मैने अपने ब्लॉग से अच्छी काव्य रचनाओं का चयन किया फिर मैने कई प्रकाशन हाउस के बारे में पढ़ा और उनसे संपर्क भी किया लेकिन कहीं से संतुष्टि नहीं मिली। प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के दो साझा संग्रह में मैं पहले भी सहभागिता कर चुका हूं। सब सोच विचार कर मैने इसी प्रकाशन हाउस का चयन किया और प्रकाशन की पूरी टीम बहुत ही सहयोगी है। पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। प्रकाशन का काम अत्यंत ही सराहनीय है। कुल मिलाकर प्रकाशन का पूरा सफर सुखद रहा।

Buuks2Read : आपकी पहली सृजित रचना कौन-सी है और साहित्य जगत में आगमन कैसे हुआ, इसके बारे में बताएं।

Brajesh Kumar Shrivastava : इतना सब लिखा है इसलिए ये तो बिल्कुल ही याद नहीं है कि पहली सृजित रचना कौन सी है। साहित्य से लगाव छात्र जीवन से ही रहा है। कुछ ऐसे शिक्षक मिले जिन्होंने साहित्य पढ़ने के लिए प्रेरित किया और साहित्य में लगाव पैदा कर दिया। छात्र जीवन में कवि सम्मेलनों और मुशायरों को सुनने जाया करता था। बस इसी तरह कुछ सुनने और पढ़ने की प्रेरणा मिली। पढ़ते-पढ़ते, सुनते-सुनते लिखने भी लगा। कैसा लिखता हूं, ये तो मेरी रचनाओं को पढ़ने वाले लोग ही बताएंगे लेकिन सुना है कि ठीक-ठाक लिख लेता हूं।

Buuks2Read : अब तक के साहित्यिक सफर में ऐसी रचना कौन सी है, जिसे पाठकवर्ग, मित्रमंडली एवं पारिवारिक सदस्यों की सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया प्राप्त हुई?

Brajesh Kumar Shrivastava : ऐसी बहुत सी रचनाएं हैं जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। उन्हीं में से एक प्रेरक रचना है “आसमान में उड़ने वाले ख्वाब न मरने पाएं”। यह रचना एक प्रेरणादायक रचना है जो हमे जीवन में कुछ अच्छा करने की प्रेरणा देती है। इसी रचना के मुख्य वाक्य को मैने अपनी किताब का नाम भी दिया है “ख्वाब न मरने पाएं”।

Buuks2Read : किताब लिखने या साहित्य सृजन के दौरान आपके मित्र या परिवार या अन्य में सबसे ज्यादा सहयोग किससे प्राप्त होता है?

Brajesh Kumar Shrivastava : सभी मित्रों, सहकर्मियों और परिवार का बहुत सहयोग रहा। सभी की प्रेरणा और शुभकामनाओं से ही इस साहित्यिक सफर में यहां तक पहुंचा हूं लेकिन अभी और आगे जाना है।

Buuks2Read : आप सबसे ज्यादा लेखन किस विधा में करतें है? और क्या इस विधा में लिखना आसान है?

Brajesh Kumar Shrivastava : मैं कविताएं, गीत, गजल, लघु कहानियां, संस्मरण सब कुछ लिखता हूं लेकिन कविताएं और गजल ज्यादा लिखता हूं। लिखना तो किसी भी विधा में बहुत आसान नहीं होता, निर्भर करता है कि लिखने वाले की कल्पनाशीलता कितनी है और शब्दों का चुनाव किस तरह से करता है।

Buuks2Read : आप साहित्य सृजन के लिए समय का प्रबंधन कैसे करते हैं?

Brajesh Kumar Shrivastava : समय का प्रबंधन बहुत आवश्यक है। मेरे लिखने का कोई निश्चित समय नही होता। मैं प्लान करके या कोई टाइम टेबल बना कर नही लिख पाता हूं। मन में विचारों का आना जाना लगा रहता हैं जैसे ही उन विचारों के लिए उपयुक्त शब्द मिलते हैं उन्हें रचना का रूप दे देता हूं।

Buuks2Read : आप अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा कहां से प्राप्त करते है?

Brajesh Kumar Shrivastava : प्रकृति, समाज, व्यक्तित्व और संवेदनाओं के इतने रूप हैं कि लिखने के लिए टॉपिक और प्रेरणा कहीं ना कहीं से मिल ही जाती है। अन्य रचनाकारों की रचनाएं भी पढ़ता रहता हूं। पढ़ने से प्रेरणा भी मिलती है और बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है।

Buuks2Read : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना पसंद करते हैं?

Brajesh Kumar Shrivastava : पुराने उपन्यासों में “गाइड”, “गोदान”, “गुनाहों का देवता” और कविताओं या गजलों में दुष्यंत कुमार की “साए में धूप”, दिनकर जी की “रश्मि रथी” साहिर की “तल्खियां” गीत चतुर्वेदी की “न्यूनतम मैं” ऐसी बहुत सी किताबें हैं जो मुझे पसंद हैं। रचनाकारों में दिनकर, दुष्यंत कुमार, धूमिल, राजेश रेड्डी ये सब एक आदर्श लेखक या कवि हैं।

Buuks2Read : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?

Brajesh Kumar Shrivastava : हिंदी हमारी मातृ-भाषा है। इसे हमे अपने जीवन में ही नही बल्कि आत्मा में भी उतारने की आवश्यकता है।

Buuks2Read : साहित्य सृजन के अलावा अन्य शौक या हॉबी, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?

Brajesh Kumar Shrivastava : साहित्य सृजन के अलावा खाली समय में पुराने मधुर गाने और गजलें सुनना अच्छा लगता है।

Buuks2Read : क्या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी

Brajesh Kumar Shrivastava : ये एक पुस्तक तो प्रकाशित हो ही गई है। एक और किताब लिख रहा हूं जो कि काव्य संकलन नही बल्कि एक सामाजिक उपन्यास है। ये उपन्यास अभी तो लिखने की प्रक्रिया में है और अब तक लगभग 25% लिखा जा चुका है।

Buuks2Read : साहित्य की दुनिया में नये-नये लेखक आ रहे है, उन्हें आप क्या सलाह देगें।

Brajesh Kumar Shrivastava : लिखने से ज्यादा पढ़ना और सुनना आवश्यक है। मेरी अपनी व्यक्तिगत राय है कि एक अच्छा लेखक होने के लिए अच्छा पाठक और अच्छा श्रोता होना आवश्यक है।

Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?

Brajesh Kumar Shrivastava : बिल्कुल, ये तो रहेगा ही।

Buuks2Read : यह अंतिम प्रश्न है, आप अपने अज़ीज शुभचिन्तकों, पाठकों और प्रशंसकों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?

Brajesh Kumar Shrivastava : मेरा संदेश बस यही है कि अच्छा सोचिए, अच्छा पढ़िए, अच्छा लिखिए, अच्छा सुनिए और अच्छा बोलिए। साहित्य में रुचि बनाए रखिए, व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास में साहित्य का बहुत महत्व है।

लेखक की पुस्तक को ऐसे प्राप्त करें-

आप ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव जी की पुस्तक ‘ख्वाब न मरने पाएं’ को अपने पसंदीदा ऑनलाइन स्टोर अमेजन या फ्लिपकार्ट से मंगा सकते हैं। किताब का लिंक नीचे दिए गये हैं।

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