साझा संकलन ‘आखिर कब तक‘ में नि:शुल्क सहभागिता करने का अवसर

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वरिष्ठ साहित्यकार शाहाना परवीन जी द्वारा उनके संपादन में महिला विशेषांक एक साझा संकलन प्रकाशित किया जा रहा है। जिसके लिए महिला एवं पुरुष रचनाकार नि:शुल्क अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि संकलन की थीम को महिला विशेषांक रखा गया है। शाहाना जी बताया कि सदियों से बेटियों, बहुओं और नारियों के साथ जो अत्याचार होता आ रहा है और जो निर्भया के साथ हुआ। अभी हाल ही में कोलकाता व राजस्थान व मणिपुर की घटना आदि अनेक घटनाएं हैं जो महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं। स्वतंत्रता के 78 वर्षो के बाद भी आज महिला आज़ाद नहीं है। इस संकलन के माध्यम से वे महिलाओं को अपने अधिकारों एवं सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहतीं हैं।

बता दें कि वरिष्ठ साहित्यकार शाहाना परवीन जी की अब तक दर्जनभर पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं और उन्होंने कई साझा संकलनों का सफल संपादन भी किया है। वर्तमान में शाहाना जी महिलाओं उत्पीड़न और नारी जागरूकता पर किताबें लिख रहीं है, जिनमें से कुछ प्रकाशनाधीन है और कुछ पर लेखन कार्य चल रहा है।

यदि आप भी संकलन में सहभागिता करना चाहते हैं तो आप अपने लेख, कविताएं, रचनाएं, कहानी, लघुकथा एवं सुझाव आदि संकलन के लिए प्रेषित कर सकते हैं। संपादिका शाहाना परवीन के अनुसार यह केवल एक संकलन नहीं है बल्कि मातृशक्ति को सशक्त करने की ओर तथा उनकी भावनाओं का सम्मान करने के लिए उठाया गया किंचित कदम है। जो समाज के लिए प्रेरक संकलन होगा। यदि आप संकलन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करना चाहते हैं तो आप सीधे संपादक से व्हॉटसएप नंबर 9876850264 पर संपर्क कर सकते हैं।

‘आखिर कब तक’ संकलन में शामिल होने के लिए निम्न नियम एवं शर्तें रखी गई हैं-

1. ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन में देशभर से कोई भी इच्छुक महिला एवं पुरुष रचनाकार अपनी नि:शुल्क सहभागिता सुनिश्चित कर सकते हैं। इस ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन में ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर रचनाकारों को स्थान दिया जाएगा। ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ISBN के साथ प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के माध्यम से प्रकाशित किया जाएगा, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पाठकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

संकलन में सहभागिता के लिए रचनाकार को घोषणा पत्र अपनी व्यक्तिगत ईमेल से संपादक को भेजना अनिवार्य है। यदि रचनाकार घोषणा पत्र नहीं भेजते है, तो ऐसे रचनाकारों की रचनाएं संकलन में शामिल नहीं की जाएगी।

घोषणा पत्र का प्रारूप देखें

2. प्रत्येक रचनाकार को रचनाओं के लिए 4 पृष्ठ और 1 पृष्ठ परिचय के लिए दिया जायेगा, अर्थात कुल 5 पेज प्रत्येक रचनाकार को दिए जाऐंगे। ‘आखिर कब तक‘ साझा काव्य संकलन के लिए पद्य एवं गद्य किसी भी विधा में रचनाएं प्रेषित कर सकते हैं। रचनाकार नीचे दिए गये विवरण के अनुसार अपनी रचनाएं प्रेषित कर सकते हैं।

पद्य की रचनाएं-
अधिकतम 24 पंक्तियों की – 4 रचनाएँ
अधिकतम 48 पंक्तियों की – 2 रचनाएँ
अधिकतम 72 पंक्तियों की – 1 रचना

गद्य की रचनाएं-
अधिकतम 250 शब्दों की – 4 रचनाएँ
अधिकतम 500 शब्दों की – 3 रचनाएँ
अधिकतम 1000 शब्दों की – 2 रचनाएँ

3. रचनाकार के परिचय पेज में सुश्री संबोधन को छोड़कर अन्य संबोधनों श्रीमती / श्रीमान / श्री / कुमारी आदि शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा, इसलिए कृपया इन शब्दों के प्रयोग के लिए आग्रह भी न करें, क्योंकि संकलन के परिचय के फार्मेट में स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया है। वहीं, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि आप स्वयं अपना परिचय एवं रचनाएं प्रस्तुत कर रहें हैं, ऐसे में स्वयं ही अपने नाम में श्री या श्रीमती संबोधन का प्रयोग उचित भी नहीं है।

4. संपादक को पूर्ण अधिकार होगा कि यदि किसी रचनाकार की रचना के किसी भी भाग में अशुद्धियाँ पाई जाती हैं तो उनमें सुधार करके उन्हें प्रकाशन योग्य तैयार करें। यदि कोई रचना या किसी रचना की कोई पंक्ति आपत्तिजनक लगे तो उसे बदलने के लिए रचनाकार को सूचित किया जाएगा ताकि आगे चलकर कोई विवाद ना हो। यदि रचना में विवादित या अभद्र या अशोभनीय शब्दावली का प्रयोग किया जाता है, तो ऐसी रचना को रिजेक्ट कर दिया जाएगा।

5. ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन का प्रकाशन सिर्फ महिला जागरूता और महिला रचनाकारों को लेखन प्रोत्साहन हेतु आयोजित एक छोटा सा प्रयास है, अत: प्रकाशक या संपादक ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन में प्रतिभाग करने वाले किसी भी रचनाकार को रॉयल्टी देने के लिए बाध्य नहीं है।

6. संकलन में सहभागी रचनाकार यदि ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन की प्रति प्राप्त करना चाहते है तो वे डिस्काउंट पर प्रकाशक से सीधे प्री-आर्डर कर सकते हैं। प्री-आर्डर के लिए निर्धारित समय के बाद डिस्काउंट पर प्रतियाँ संपादक या प्रकाशक द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। प्री-आर्डर के लिए निर्धारित समय पूरा हो जाने के बाद संकलन को ऑनलाईन अमेजन या फ्लिपकार्ट से आर्डर किया जा सकता है। प्री-आर्डर करने वाले रचनाकारों को प्रकाशक की ओर से प्रिन्टेड प्रमाण पत्र भी संकलन के साथ कोरियर द्वारा भेजा जाएगा।

7. संपादक द्वारा ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन के लिए प्राप्त होने वाली रचनाओं को लेकर कोई भी निर्णय अंतिम होगा और संपादक किसी भी निर्णय एवं नियम व शर्तों में बदलाव करने के लिए स्वतंत्र होगा।

यदि आप ‘आखिर कब तक‘ साझा संकलन से संबंधित अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो हमें व्हॉटसएप के माध्यम से सीधे संपादक शाहाना परवीन जी से मोबाइल नंबर +91-9876850264 व्हॉटसएप या कॉल पर संपर्क कर सकते हैं।

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