जीवन में कई रंग है। हर रंग की अपनी कविता है। कभी यह गहरे ज़ख्मो की टीस से उपजती है, कभी प्रेम तरंगों की छुअन से, कभी आक्रोश से पैदा होती तो कभी कल्पना की गुदगुदी से उपजती है। खट्टी, मीठी और कभी तो तीखी बनती है “ज़ज़्बातों की मिश्री जब ख्यालात में घुलती है, सच कहती हूँ मेरी कविता तब ही बनती है।”
शब्दो मे एक असीम शक्ति औऱ जादू होता है। कुछ शब्द दुखी हृदय को शांत कर सकते है, मन मे ममता, वैराग्य, स्नेह औऱ जोश भर सकते है। वाणी में वो ताकत है जो आपकी मनोस्थिति औऱ कई बार तो पूरा व्यक्तित्व ही बदल कर रख देती है। निर्भर इस बात पर करता है कि आप उन्हें कितनी गहराई से पढ़ते है। जब कोई पूरे मन से लिखे औऱ पाठक भी उतनी ही एकाग्रता औऱ तल्लीनता से पढ़े तो लेखक और पाठक भाव के धरातल एक हो जाता है। दोनों एक ही भाव से गुजर कर एक ही अनुभूति में समा जाते है। इसलिए ‘खिड़की ख्यालों की ‘में संग्रहित कविताओं को मैं सुधि श्रोताओं को ही इस आशा और विश्वास के साथ सौंप रही हूँ कि इनमे उन्हें अपनी भावनाएं और अनुभूतियाँ ही मिलेगी।
-हरप्रीत कौर ‘प्रीत’ (लेखिका एवं कवयित्री)
Book Information’s | |
Author | Harpreet Kaur ‘Preet’ |
ISBN | 978-9387856257 |
Language | Hindi |
Pages | 80 |
Binding | Paperback |
Genre | Poetry |
Publish On | August, 2020 |
Publisher |
About the Author
कवयित्री हरप्रीत कौर ‘प्रीत’ का जन्म पंजाब के जलालाबाद (पॅ) में हुआ। आपके पिता गुरदीप सिंह और माँ कवलजीत कौर है। आपने गणित में एम.एससी. तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात शिक्षा स्नातक की उपाधि पंजाब विश्वविद्यालय से प्राप्त की। पंजाबी और हिन्दी में लम्बे समय से लेखन कर रही हरप्रीत कौर ‘प्रीत’ मूलत कवयित्री हैं।
सम्प्रति : अध्यापन (शिक्षा निदेशालय, दिल्ली)
E-mail : harpreetkaurdung@gmail.com