Kandhe Par Ganga Maiya

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Kandhe Par Ganga Maiya

Book Description :

ये धार्मिक यात्रा महर्षि मेंही और भक्त प्रल्हाद की जन्मभूमि, पूर्णिया जिला के बनमनखी से निकलकर गंगा की धारा के समान बढते हुए भगवान शिव से मिलने झारखंड के देवघर जा रही है, जिसके साक्षी मैं भी हूं और स्वयं माँ गंगा भी है। कुछ आगे चलकर गंगा मैया इन यात्रियों के काँवर के दोनों ओर रखे पात्र में सवार हो जाती है। यहाँ पवित्रता और प्रेम है, आंचलिक मिट्टी से आ रही सोंधी महक है, ढोल, झाल और मृदंग की ताल पर गुनगुनाते गीत है, चिड़िया-चुनमुन, मेंढक और झिंगुर का संगीत भी है, नुकीले कंकड़ भी है, कांटे भी है, जख्म भी है, दर्द भी है, आंशु और आंचल भी है, मरहम भी है, हवा में फूल और चंदन की खुशबू है, घुंघरू की मीठी आवाजें भी है, यहाँ अनेकता में एकता है, मेला है, पेड़े की मिठास है, मंदिर भी है, इतिहास भी है, नदी और ऊँचे पहाड़ भी है, यहाँ शिव है इसलिए यह यात्रा बहुत ही सुंदर है और इसमें केवल आनन्द ही आनन्द है।… यह यात्रा बासुकीनाथ धाम से लौटते वक्त समाप्त होती है।…

Book Information’s

Author
Saurabh Snehi
ISBN
9789390720170
Language
Hindi
Pages
126
Binding
Paperback
Genre
Non-Fiction
Publish On
September 2021
Publisher
Sankalp Publication

About the Author :

नाम सौरभ स्नेही जन्म 22 दिसम्बर 1993 बनमनखी पूर्णिया (बिहार)। पिता स्मृति शेष अरुण कुमार सिंह, माँ ललिता देवी (शिक्षिका) पैतृक गाँव:- रानीगंज दिवान टोला जिला अररिया (बिहार)। शिक्षा:- MA (हिन्दी) वर्तमान में नगर परिषद बनमनखी वार्ड नम्बर 03 जिला पूर्णिया (बिहार) पिन 854202

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