About the Book
सच्ची घटना पर आधारित कहानी देश की आजादी से पहले की है, तब भी मोहब्बत हुआ करती थी। उन्हीं दिनो नसीम बानो थी, जो साबिर के प्रेम पाश में बंधी हुई थी। नसीम बानों ने अपने जीवन को बहुत ही विपरीत परिस्थितयों से बचाया था। नसीम बानो के जीवन में टूटे दुखों के पहाड़ों की कहानी शायद ही किसी को पता थी। उन दिनों में भी मोहब्बत के लिए मर मिटने के लिए लोग तैयार थे। नसीम बानो भी उन्हीं मे से थी, लेकिन साबिर ने अपनी मोहब्बत को समझने में बहुत देर लगाई। जबकि नसीम बानो ने अपने जीवन में इतनी दौलत इक्टठा की थी, जो उसके सामत जन्मों के लिए भी बहुत थी।
जहां प्रेमिका को पाने के लिए लोग हर संभव कोशिश करते है, तो वहां आसानी से साबिर ने नसीम को पा लिया था। लेकिन फिर भी उससे दूर क्यों हो गया। ऐसी क्या गलती रही साबिर की, जिसने उसे इतना दूर कर दिया। या दोनो में से किसने बेवफाई की या ऐसा क्या हुआ कि दोनों एक दूसरे से जुदा हो गये। क्या दोनों जीवन में दुबारा से एक दूसरे से मिल पायें या इतनी बेइतहा मोहब्बत के बाद जुदा होने पर दोनों एक दूसरे के बिना जी पाए।
ऐसे ही कई सवालों के जवाब देता उपन्यास पढ़ते रहे।
About the Author
जन्म एवं प्रारम्भिक शिक्षा मेरठ में सम्पन्न हुई है। डा. फखरे आलम खान वरिष्ठ साहित्यकार होने के साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता भी है। अब तक आपको विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ से ‘विद्या-वाचस्पति’, ‘विद्या सागर’ सहित लगभग सौ से ज्यादा सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है। डा. खान की अब तक लगभग 100 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है, जिस कारण उन्हें पाठकों का बहुत प्यार मिला है। डा. खान अपनी उपन्यासों व कहानियों के लिए अपने आस-पास की वास्तविक घटनाओं को ही ज्यादा महत्व देते है। वह प्रयास करते है कि उनके हर उपन्यास से पाठक एक नयी सीख प्राप्त करें।