लेखक व कवि दीपक कुमार पंकजी 14 वर्ष की उम्र से हिंदी भाषा में साहित्य सृजन कर रहे हैं। अपनी भावनाओं अनुभव, विचार, सोच को शब्दों में कविता, कहानी में पिरोते रहे हैं जो अभी भी जारी है। दीपक कुमार पंकज जी गद्य और पद्य दोनों ही विधाओं में लेखन कार्य करते है, जिनमें मुख्यत छंद, मुक्तक कहानी, कविता हाइकु, दोहा विधाओं में लेखन करते हैं और दीपक जी की रचनाएं देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, अखबारों में प्रकाशित होती है।
साहित्यिक नाम : दीपक कविबाबू
पिता : रम्भू साहू “रामू”
माता : जानकी देवी
जन्मस्थान : गोबरसही (मुज़फ़्फ़रपुर) बिहार
संप्रति : हिंदी शिक्षण अध्यापक सह कलमकार।
शिक्षा : हिंदी भाषा विज्ञान से स्नातकोत्तर, डिप्लोमा पाठ्यक्रम I.T.I, D.el.ed शिक्षक प्रशिक्षण
लेखन विधा : गद्य और पद्य दोनों ही विधाओं में लेखन जारी है छंद, मुक्तक कहानी, कविता हाइकु, दोहा विधाओं में लेखन।
अन्य : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं अखबार में रचनाएं प्रकाशित होती है।
सम्मान : कोरोना योद्धा सम्मान, रेड डायमंड अचीवर अवार्ड, राष्ट्रीय समाज सेवा रत्न, मदर्स प्राइड अवार्ड सहित अन्य सम्मान।
साहित्यिक प्रेम : हमेशा से साहित्य के प्रति गहरा जुड़ाव रहा है 14 वर्ष की उम्र से हिंदी साहित्य रचनाएं लिख रहे हैं। अपनी भावनाओं अनुभव, विचार, सोच को शब्दों में कविता, कहानी में पिरोते रहे हैं जो अभी भी जारी है।
अभिरुचि : कविता लिखना, संगीत सुनना, समाज सेवा, यात्रा करना
गतिविधियां : आए दिनों भविष्य में अपनी एक संस्था स्थापित करके आर्थिक तंगी से जूझते पूर्ण रूप से असक्षम बच्चे- बूढ़े लोगों लोगों के लिए निःशुल्क सेवा एवं शिक्षा ‘Our common future for Human Life’ के द्वारा प्रदान करना।
प्रकाशित पुस्तकें
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