साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ की संपादिका एवं लेखिका निकिता सैन ‘दीप’ जी से साक्षात्कार

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नन्हें-मुन्नों के लिए सृजित साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ के सभी सम्मानित लेखकों से एक एक्सक्लूसिव साक्षात्कार Buuks2Read द्वारा किया गया है। बता दें कि ‘बाल काव्य’ साझा काव्य संग्रह का संपादन खेम सिंह चौहान ‘स्वर्ण’, अर्चना पांडेय ‘अर्चि’, निकिता सेन’दीप’ और डॉ. मीना कुमारी सोलंकी ‘मीन’ जी द्वारा किया गया है। संपादकीय टीम द्वारा रचनाओं का स्तरीय चयन और संपादन कार्य बहुत ही शानदार है, जिसके लिए Buuks2Read की ओर से पुन: ढ़ेरों शुभकामनाएँ। इसी सीरीज़ में हम आपके लिए काव्य संग्रह की एक लेखिका एवं संपादिका निकिता सैन ‘दीप’ जी का साक्षात्कार आपके लिए प्रस्तुत कर रहें है।

साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ की संपादिका एवं लेखिका निकिता सैन 'दीप' जी से साक्षात्कार

Buuks2Read : यदि आप अपने शब्दों में हमारे और आपके सम्मानित पाठकों को अपना परिचय देंगें, तो पाठकों बहुत अच्छा लगेगा?
निकिता सेन ‘दीप’ : जी बिल्कुल देना चाहेंगे। मेरा नाम निकिता सेन “दीप” है। मेर पिता श्री मुकेश कुमार सेन एवं माता संगीता सेन हैं। मेरा जन्म 26/06/1999 को हुआ था। जल्द ही मेरी स्नातक स्तर की शिक्षा पूर्ण होने वाली है। मैं लेखन, सामाज सेवा के साथ-साथ सिविल सेवा की तैयारी कर रही हूँ।

मैं भैरु गेट, पुरानी केकडी, जिला अजमेर (राजस्थान) की निवासी हूँ। मुझसे पाठक एवं शुभचिन्तक ई-मेल- sennikita62@gmail.com के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।

मेरी अब तक वीर जवानों की गाथाएं, मातृभूमि के लाल, मेवाड़ की शान राणा, अमर तिरंगा, बचपन, मेरा बचपन मुझे लौटा दो, बचपन खुशियों का खजाना आदि रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी है।

Buuks2Read : हाल ही में आपका साझा बाल काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ है, इसमें शामिल होने के पीछे क्या कारण रहा?
निकिता सेन ‘दीप’ : बाल काव्य संग्रह के माध्यम से हम देश में बच्चों को अपने बचपन में होने वाली घटनाओं से रुबरु करवाकर वर्तमान बचपन को भी वैसा ही बनाने के लिए एक संदेश देंगे ताकि छोटी उम्र में बच्चे मोबाइल के दुष्प्रभाव से दूर रहे।

Buuks2Read : साहित्यिक सेवा के लिए आपको अब तक कितने सम्मान प्राप्त हुए हैं? क्या आप उनके बारे मे कोई जानकारी देना चाहेंगे?
निकिता सेन ‘दीप’ : साहित्यिक सेवा के लिए मुझे “राष्ट्रीय कलम की सुगन्ध मंच” से ‘साहित्य प्रसून सम्मान-2020 से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ।

Buuks2Read : आपकी पहली पुस्तक के बारे में बताएं? और कब प्रकाशित हुई थी?
निकिता सेन ‘दीप’ : मेरी पहली पुस्तक हिन्द देश साझा संग्रह हैं जो बाल काव्य के साथ प्रकाशित हो रही है।

Buuks2Read : आप कब से लेखन कर रहें हैं?
निकिता सेन ‘दीप’ : मैंने लेखन कार्य जनवरी (2020)में शुरू किया। लेखन कार्य ने मुझे कुछ ही दिनों में ही आदर्श उपलब्धि प्रदान की है।

Buuks2Read : पहली पुस्तक के प्रकाशन के दौरान अनुभव कैसा रहा?
निकिता सेन ‘दीप’ : मेरी पहली पुस्तक का अनुभव उस बच्चे के समान था, मानों घुटनों के बल चलते बच्चे ने पहली बार धरती पर लड़खड़ाता कदम रखा हो। पहली पुस्तक का अनुभव मेरे लिए ईश्वरीय उपहार से कम नहीं।

Buuks2Read : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?
निकिता सेन ‘दीप’ : मेरी पंसदीदा लेखन शैली देश-भक्ति कविताओं से ओतप्रोत होती है और देश प्रेम व सामप्रदायिक सद्भावना, वीर जवानों की गाथाओं से परिपूर्ण होती है।

Buuks2Read : आप अपनी रचनाओं के लिए कहां से प्रेरणा प्राप्त करते हैं?
निकिता सेन ‘दीप’ : मेरी रचनाओं का प्रेरणा स्त्रोत मेरे गुरु (भाई) श्री खेम सिंह चौहान ‘स्वर्ण’ व श्रीमति अर्चना पाण्डेय ‘अर्चि’ हैं, जिन्होनें अपना अमूल्य समय व प्रेरणा देकर मेरा साथ दिया।

Buuks2Read : आपके जीवन की सबसे यादगार उपलब्धि, जिसे आप हमारे और अपने पाठकों के साथ भी शेयर करना चाहेंगे?
निकिता सेन ‘दीप’ : मेरे जीवन की सबसे यादगार उपलब्धि, मेरे जीवन का वो दिन हैं जब मेरे मन में कविता लिखने का विचार आया। एक क्षण के लिए तो मन में विचार आया कि शायद नहीं हो पायेगा, उस असमंजस की राह में गोविन्द कुमार सेन (दीप)व गुरु (भाई) खेमसिंह चौहान ने मुझे प्रेरित किया कि जीवन में कोई कार्य असम्भव नहीं है यदि हम उसे पूरी मेहनत व लगन से करें। अगर उस दिन मुझे प्रेरणा नहीं मिलती तो शायद आज में लेखकीय उपाधि से काफी दूर होती।

Buuks2Read : आपका सबसे प्रिय / लेखिका और उनकी रचनाएँ / किताब?
निकिता सेन ‘दीप’ : जयशंकर प्रसाद मेरे सबसे आदर्श है। इसके साथ साथ छायावाद के चारों स्तम्भ कवि सुमित्रनंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला व महादेवी वर्मा इन चारों की रचनाएं मुझे लिखने की दनिया प्रदान करती है। प्रेमचन्द के उपन्यास आदर्श है।

Buuks2Read : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
निकिता सेन ‘दीप’ : हिंदी भाषा के प्रचार- प्रसार में वर्तमान में लेखक-लेखिकाएं पूर्ण स्तर पर अपना योगदान दे रहे हैं। इसको और बेहतर बनाने के लिए सामान्य जन तक शिक्षा की व्यवस्था करना जरूरी है क्योंकि शिक्षा के बिना मातृभाषा समझना थोड़ा कठिन हो जाता है। वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ रहे बच्चों को इसकी जानकारी देना अत्यावश्यक है। साहित्य का क्षेत्र वर्तमान में अपनी पराकाष्ठा पर है। कवि कर्म आमदनी न होकर अगर मानव कल्याण या परिवर्तन हो जाए तो यह बहुत आगे जा सकता है।

Buuks2Read : वर्तमान व्यवसाय और लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
निकिता सेन ‘दीप’ : वर्तमान व्यवसाय पढाई और लेखन कार्य के अलावा खाली समय में, मैं कुछ नया करने के लिए अपने आप को प्रेरित करती हूँ।

Buuks2Read : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
निकिता सेन ‘दीप’ : मैं पाठकों और प्रशंसकों को यही कहना चाहूंगी कि आप अपने जीवन में बेहतर करने के विकल्प ढूंढने में बिल्कुल भी मत चूकना क्योंकि जीवन का एक एक पल कीमती होता है जिसमें केवल ढूंढ़ना ही सब कुछ नहीं होता उसके लिए वैसा काम भी करना जरूरी होता है।

Buuks2Read : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी?
निकिता सेन ‘दीप’ : मेरा लक्ष्य है प्रसिद्धि प्राप्त करना। इसके लिए लेखन और अपने सपनों को साकार करने वाली मेरी मेहनत मेरा पूर्ण साथ देंगे। अगला संपादन है हम बेटियां भारत की।

Buuks2Read : साथी नवोदित लेखकों को क्या सुझाव देना चाहेगें?
निकिता सेन ‘दीप’ : मैं अपने जैसे साथी नवोदित लेखकों को एक ही सुझाव देना चाहूंगी कि एक कवि का निस्वार्थ व निश्छल मनोभाव ही साहित्य प्रसिद्धि का दर्पण है।

Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
निकिता सेन ‘दीप’ : कवि की कलम पर किसी का जोर नहीं होता, यह तो जीवन पर्यन्त चलता रहता है।

About the ‘Bal Kavya – Poetry Collection’

साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ की संपादिका एवं लेखिका निकिता सैन 'दीप' जी से साक्षात्कार‘बाल कविता’ यानी बच्चों के लिए लिखी गयी कविता, जिसमें बच्चों की शिक्षा, जिज्ञासा, संस्कार एवं मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर रचना की गई हो। वह चाहे माँ की लोरियों के रूप में हो, या पिता की नसीहतों के रूप में, या बच्चों के आपस के खेल-खेल में हो। इसमें भले ही निरर्थक शब्दों की ध्वनियाँ होती हैं, पर बड़ी आकर्षक होती हैं। ऐसी ही कविताओं को इस साझा संग्रह में शामिल किया गया है, जो नन्हें बच्चों को बहुत पसंद आयेगी।

साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ की संपादिका एवं लेखिका निकिता सैन 'दीप' जी से साक्षात्कार

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Khem singh
Khem singh
May 19, 2020 3:32 PM

शानदार

Nikita sen
Nikita sen
Reply to  Khem singh
May 20, 2020 7:13 AM

Thank you so much

गोविन्द उदयवाल
गोविन्द उदयवाल
May 19, 2020 7:52 PM

बहुत खुब

Nikita sen
Nikita sen
Reply to  गोविन्द उदयवाल
May 20, 2020 7:18 AM

Thankyou Deep

विकास सेन
विकास सेन
May 20, 2020 12:04 AM

तुम्हारे शब्दो से हर ‘विषय’ को सहयोग मिले,
तुम्हारी लेखनी को आगे और ताकत मिले।
#अतिउत्तम#

Nikita sen
Nikita sen
Reply to  विकास सेन
May 20, 2020 7:20 AM

Thankyou Bhaiya