विज्ञान एवं बाल कहानियों के लेखक ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी से साक्षात्कार

2
55

विज्ञान एवं बाल कहानियों के लेखक ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' जी से साक्षात्कार

पिछले दिनों Buuks2Read ने ओमप्रकाश क्षत्रिय जी से साक्षात्कार किया. ओमप्रकाश जी वह शख्शियत है जो किसी परिचय के लिए मोहताज हो, लेकिन फिर भी हम पाठकों को उनका परिचय संक्षिप्त में देना चाहते हैं. ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी का जन्म 26 जनवरी 1965 में हुआ. उन्होने पांच विषयों में एमए किया है. साथ ही साथ पत्रकारिता की उपाधि प्राप्त की है. आप बाल कहानी, लघुकथा और कविता इन विधाओं में निरंतर लेखन करते आ रहे हैं. आप की लेखकोपयोगी सूत्र व 100 पत्र-पत्रिकाएं, पुस्तक, कहानी लेखन, महाविद्यालय अंबाला छावनी से प्रकाशित हो चुकी है. कुंए को बुखार, आसमानी आफत, कौन सा रंग अच्छा है?, कांव-कांव का भूत, रोचक विज्ञान बाल कहानियां, चाबी वाला भूत आदि कृतियां प्रकाशित हो चुकी है. आप की 121 कहानियों का 8 भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है. आप को इंद्रदेव सिंह इंद्र बालसाहित्य सम्मान, स्वतंत्रता सेनानी ओंकारलाल शास्त्री सम्मान, जयविजय सम्मान आदि दर्जनों पुरस्कारों को प्राप्त कर चुके हैं. संप्रति आप मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं और स्वतंत्र लेखन करते हैं. पेश हैं उनसे वार्ता के कुछ अंश –

Buuks2Read : ओमप्रकाश जी, आपके अब तक के प्रकाशन सफर के बारे में बताएं?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : चुंकि मेरा शुरू से ही मानना रहा था कि जो साहित्य जिस के लिए लिखा जा रहा है उस तक पहुंचना चाहिए. इस कारण से आज तक मैं ने जो भी साहित्य लिखा है उस के लिए पूरी कोशिश की है कि वह उस तक पहुंचे. यही वजह है कि मेरे अधिकांश लेख, कहानियां, लघुकथाएं और कविताएं हमेशा लोकप्रिय पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है. चंपक, नंदन, बालहंस, लोटपोट, समझझरोखा आदि बाल पत्रिकाओं ने मेरी कई कहानियां प्रकाशित की है. लेख हमेशा सरिता, मुक्ता, सुमन सौरभ, नई दुनिया, भास्कर आदि अनेक पत्रों में प्रकाशित हुए हैं.

बाद में लगा कि इन का संग्रह आना चाहिए तब इन का प्रकाशित कराया है. मेरी कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं इस में से रोचक विज्ञान बाल कहानियां, कुएं को बुखार, बच्चों! सुनो कहानी, कौनसा रंग अच्छा है, कांवकांव का भूत, कसक, चाबी वाला भूत आदि अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. इस के अलावा चुनिंदा लघुकथाएं, बालकथा मंथन, लघुकथा मंथन आदि पुस्तकों का संपादन किया है

Buuks2Read : पुस्तक प्रकाशन के लिए विचार कैसे बना या कैसे प्रेरित हुए?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : मैंने कई सालों तक लिखा. चंपक, बालहंस, नंदन, पराग, समझ झरोखा, नई दुनिया, भास्कर, चौथा संसार आदि पत्रपत्रिकाओं में छपता रहा हूं . फिर सोचा कि इनका एक जगह संकलन निकलना चाहिए. इसी विचार से पुस्तक प्रकाशन की योजना बनाई. ताकि मेरी कहानियों का पाठकों को एक साथ पढ़ने का लाभ मिल सके. यही सोच कर मैंने अपनी कहानियों का संकलन निकालने का विचार किया.

इस विचार की प्रेरणा मुझे मेरे साहित्यकार मित्र आदरणीय राजकुमारजी जैन राजन जी ने दी है. उनका कहना है कि आपकी सैकड़ों कहानियां पत्र-पत्रिकाओं में छप चुकी है. उनको एक साथ लाने का कोई न कोई उपक्रम जरूर करना चाहिए. बस उनकी इसी प्रेरणा से मुझे यह कहानी संकलन निकालने का विचार मिला और मैं प्रेरित हुआ.

Buuks2Read : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : वैसे तो मेरी शुरूआत लेखकला से हुई थी. कई लेख सरिता, मुक्ता, गृहशोभा, समझ झरोखा, मेरी सहेली, संजीवनी, गृहलक्ष्मी आदि अनेकों पत्रिकाओं के साथसाथ चौथा संसार, नई दुनिया, भास्कर, ट्रिब्यून, जनसत्ता, हिन्दुस्तान सहित अनेकों अखबार में प्रकाशित हुए हैं. इसके बाद सरस सलिल में भी बहुत लेख प्रकाशित हुए. पहली रचना जो एक लघुकथा थी उस जमाने में शुभतारिका में छपी थी. इस के बाद बाल कहानियों की ओर कदम बढ़ाया. चूंकि मैं विद्यालय में छोटे बच्चों को पढ़ाता हूं इसलिए उन के ज्ञान विज्ञान और मनोविज्ञान का पता था. इसलिए बहुत सारी बाल कहानियां लिखी. ये बाल कहानियां चंपक, नंदन, बालहंस, लोटपोट, समझ झरोखा, सुमन सौरभ आदि सहित विभिन्न पत्रों में प्रकाशित हुई हैं. इसलिए स्पष्टतौर पर कहूं तो मैं मूलत: लेख, कहानी और लघुकथा लिखना पसंद करता हूं. इस में से कहानी मेरी सब से पसंदीदा विधा है.

Buuks2Read : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : मेरा अपने पाठ को और प्रशंसकों को एकमात्र संदेश यही है कि वह अपने बच्चों को संस्कारित साहित्य अवश्य दें ताकि वह भविष्य में आने वाली कठिनाइयों अनुभव से दो-चार होकर हिम्मत के साथ उनका सामना कर सके और जीवन में आगे बढ़ सके इसलिए जरूरी है कि नए रचनाकारों से मेरा आग्रह है कि वे बहुत ज्यादा पढ़ें. अच्छा पढ़े और अच्छा लिखें. खूब सोच समझ कर लिखें. ऐसा लिखे कि जिसे सभी पसंद करें. वह सर्वहिताय और सर्वसुखाय हो. उस में कोई न कोई संदेश हो. ताकि आप के लिखे को सम्मान मिल सकें.

Buuks2Read : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : वर्तमान समय में मैं एक पुस्तक पर काम कर रहा हूं, क्योंकि तालाबंदी के दौरान घर में बंद रह कर बहुत कुछ सोचने विचारने और करने को मिला. तब मैं ने जेल गए कई महापुरुषों की जीवनी आ पढ़ी. तब मुझे लगा कि सभी महापुरुषों ने जेल में रहकर अपने समय का सदुपयोग किया था. मुझे भी कोरोनावायरस के दौरान तालाबंदी में कमरे में रहकर अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए. इसलिए मैंने भारतीय महापुरुषों की जीवनी आ पढ़ी. उनके बारे में जाना, तब उन पर कई बाल कहानियां लिखी. यह संकलन के रूप में आने को तैयार हैं.

Buuks2Read : आपका सबसे प्रिय लेखक / लेखिका और उनकी रचनाएँ / किताब?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : हरेक रचनाकार का अपने पसंदीदा लेखक और लेखिकाएं होते हैं. मेरे भी अपने पसंदीदा लेखक और लेखिकाएं हैं. मैंने बहुत पहले देवकीनंदन खत्री के उपन्यास पढ़ें थे. उनकी ऐय्यारि, तिलस्म, रहस्य, रोमांच के रूप में उनके उपन्यास बहुत ही उत्कृष्ट हैं. यह वही उपन्यास है जिन्हें पढ़ने के लिए लोगों ने हिंदी को सीखा था. मेरे दूसरा पसंदीदा लेखक हैं स्वेट मार्डन. इनकी लिखी गई किताबें मैंने पढ़ी. जिन्होंने मेरे जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया. मेरे तीसरे पसंदीदा लेखक मुंशी प्रेमचंद जी हैं. जिनके लगभग सभी उपन्यास और अधिकांश कहानियां पढ़ चुका हूं. मेरे चौथे पसंदीदा लेखक आचार्य रजनीश यानी ओशो हैं. जिन्हें पढ़ने से मुझे नई दिशा और ऊर्जा प्राप्त होती है. इनके प्रवचन मुझे एक नई लेखक की दृष्टि प्रदान करते हैं. इसके अलावा भी कई लेखक और रचनाकार हैं जिन्हें मैं पढ़ता और सुनता रहता हूं.

Buuks2Read : लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : साहित्यकार भी एक सामाजिक प्राणी होता है. उसे समाज में रह कर अपने कार्य करने होते हैं इसलिए लेखन के अतिरिक्त भी उस की कई रूचियां होती है. मुझे यार दोस्तों से मिलना, उन के साथ यात्रा करना, गप्प मारना और उन का संगसाथ पसंद है. कई बार उन के साथ पार्टी, बाहर की यात्राएं आदि भी करता हूं.

कई बार शिक्षक साथियों के सेवानिवृत्ति पर आयोजित कार्यक्रम का संचालन कर लेता हूं. विद्यालय के कार्यक्रम में भाग लेना मुझे पसंद है. आदरणीय राजकुमार जैन राजन जब भी कोई कार्यक्रम करते हैं उस में भाग लेता हूं. उन का संगसाथ अच्छा लगता है. वे एक जीवंत व्यक्ति, एक बेहतरीन रचनाकार के साथसाथ एक मजबूत इनसान भी है.

Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
ओमप्रकाश क्षत्रिय : कई बार ऐसा मौका आया कि मैंने लिखना छोड़ दिया क्योंकि उस वक्त जीवन से विरक्ति सी हो गई थी. यह बात सन 2001 की है. जब मेरे माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था. उसी समय मेरे गुरु महाराज कृष्ण जैन साहब इस दुनिया को छोड़ कर चले गए थे. उस वक्त लगा कि दुनिया निसार है. यहां पर कुछ नहीं करना चाहिए. मगर उसी दौरान मेरे गुरुदेव का एक पत्र पोस्ट ऑफिस की मेहरबानी से 5 साल बाद मिला. जिसमें लिखा था कि व्यक्ति को जिस तरह जन्म पर खुशियां मनानी चाहिए उसी तरह मृत्यु पर भी खुशी मनानी चाहिए, क्योंकि यह भी जीवन की एक सच्चाई है और व्यक्ति को अपने सभी काम पूरी लगन और निष्ठा से करने चाहिए. इसके बाद लेखन में एक ही नई ऊर्जा और गति प्राप्त हुई जिसकी वजह से मेरे लेखन में उत्कृष्टता आई और प्रकाशन ने रफ्तार पकड़ी. तब से लगा कि लेखन के बिना कुछ समय तो रहा जा सकता है मगर हमेशा नहीं. इसलिए जीवन में हमेशा लेखन चलता रहेगा.

आपको ओमप्रकाश क्षत्रिय जी का साक्षात्कार या उनके बारे में जानकर या उनके अनुभव आपको कैसा लगा, हमें कमेंट या सोशल मीडिया पर जरूर बताएं। यदि आप भी अपना साक्षात्कार या अनुभव हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें।

Follow on WhatsApp : Subscribe to our official WhatsApp channel to get alret for new post published on Buuks2Read - Subscribe to Buuks2Read.


Copyright Notice © Re-publishing of this Exclusive Post (Also applicable for Article, Author Interview and Book Review published on buuks2read.com) in whole or in part in any social media platform or newspaper or literary magazine or news website or blog without written permission of Buuks2Read behalf of Prachi Digital Publication is prohibited, because this post is written exclusively for Buuks2Read by our team or the author of the article.

Subscribe
Notify of
guest
2 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
Omprakash Kshatriya
Omprakash Kshatriya
June 18, 2020 8:58 PM

बहुत ही बढ़िया प्रस्तुतीकरण । हार्दिक आभार आदरणीय शानदार प्रस्तुतीकरण और साज-सज्जा के लिए।

Buuks2Read
Buuks2Read
Reply to  Omprakash Kshatriya
June 18, 2020 9:16 PM

Your most welcome