साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ के लेखक संतोष रा. अडपावार जी से साक्षात्कार

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नन्हें-मुन्नों के लिए सृजित साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ के सभी सम्मानित लेखकों से एक एक्सक्लूसिव साक्षात्कार Buuks2Read द्वारा किया गया है। बता दें कि ‘बाल काव्य’ साझा काव्य संग्रह का संपादन खेम सिंह चौहान ‘स्वर्ण’, अर्चना पांडेय ‘अर्चि’, निकिता सेन’दीप’ और डॉ. मीना कुमारी सोलंकी ‘मीन’ जी द्वारा किया गया है। संपादकीय टीम द्वारा रचनाओं का स्तरीय चयन और संपादन कार्य बहुत ही शानदार है, जिसके लिए Buuks2Read की ओर से पुन: ढ़ेरों शुभकामनाएँ। इसी सीरीज़ में हम आपके लिए काव्य संग्रह के एक लेखक संतोष रा. अडपावार जी का साक्षात्कार आपके लिए प्रस्तुत कर रहें है।

साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ के लेखक संतोष रा. अडपावार जी से साक्षात्कार

Buuks2Read : यदि आप अपने शब्दों में हमारे और आपके सम्मानित पाठकों को अपना परिचय देंगें, तो पाठकों बहुत अच्छा लगेगा?
संतोष रा. अडपावार : मेरा नाम संतोष रा. अडपावार और पिता का नाम स्व श्री राजाराम अडपावार है। वर्तमान में पांढरकवडा जिला यवतमाल महाराष्ट्र निवासरत हूँ।

Buuks2Read : हाल ही में आपका साझा बाल काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ है, इसमें शामिल होने के पीछे क्या कारण रहा?
संतोष रा. अडपावार : बालपण ही ऐसा समय है जब बाल मन पर संस्कार अंकित कर सकते है। जो जीवनभर उनका पथ प्रदर्शन करता है। इनके कोमल और निर्मल मन को मुडने का कार्य बाल काव्य अवश्य करेगा। इसी उम्मीद से इस संकलन में मैं शामिल हुआ।

Buuks2Read : साहित्यिक सेवा के लिए आपको अब तक कितने सम्मान प्राप्त हुए हैं? क्या आप उनके बारे मे कोई जानकारी देना चाहेंगे?
संतोष रा. अडपावार : जी साहित्यिक क्षेत्र में मैं नया हूँ। साहित्य की सेवा में मैं अभी कार्यरत हुआ हूँ। कुछ अनधिकृत संस्थाओ द्वारा सम्मानित हुआ हूँ।

Buuks2Read : आपकी पहली पुस्तक के बारे में बताएं? और कब प्रकाशित हुई थी?
संतोष रा. अडपावार : मेरी पहली पुस्तक ‘चिर स्वप्न’ है। इसमें मेरी पिछले कुछ सालों से लिखी रचनाएँ शामिल हैं। जो मैं सिर्फ शौकिया तौर पर लिखता था और संजोये रखता था। इस पुस्तक के द्वारा उन्हें पाठकों तक ला सका।

Buuks2Read : आप कब से लेखन कर रहें हैं और पुस्तक प्रकाशित करने का विचार कैसे बना?
संतोष रा. अडपावार : मै लेखन पिछले कुछ सालों से कर रहा हूँ परंतु यह लेखन साहित्यिक बनने या साहित्य में अपनी जगह बनाने के लिए नही था। पिछले कुछ दिनों पहले फेसबुक पर श्रीमती अर्चना जी से मुलाकात हुई। उन्हे मैंने मेरी रचनाएँ भेजी, उनपर उनका सकारात्मक और प्रोत्साहनत्मक प्रतिक्रिया मिलते रहें। जिससे मुझे फिर से लिखने का और मेरे पहले लिखे कविताओं को प्रकाशित करने का मन बना।

Buuks2Read : पहली पुस्तक के प्रकाशन के दौरान अनुभव कैसा रहा?
संतोष रा. अडपावार : मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी कोई पुस्तक भी प्रकाशित कर सकूँगा। पर पहली पुस्तक प्रकाशित हुई और उस दौरान का अनुभव शब्दों में बया भी नहीं कर सकता।

Buuks2Read : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?
संतोष रा. अडपावार : मेरी पसंदीदा विधि है मुक्तक और गीत। मैं सबसे अधिक लेखन गीत में ही करता हूँ।

Buuks2Read : आप अपनी रचनाओं के लिए कहां से प्रेरणा प्राप्त करते हैं?
संतोष रा. अडपावार : इस प्रश्न का जवाब जरा सा हट के है, क्योंकि रचनाओं के लिए प्रेरणा कही से लेना नहीं पड़ता है। रचनाएँ स्वयं प्रेरित होती है। वक्त ,हालात या किसी घटना से अपने आप बन जाते हैं। हाँ, जीने के लिए प्रेरणा लेना पड़ता है। जैसे कई महापुरुषों से प्रेरणा लेते रहता हूँ।

Buuks2Read : आपके जीवन की सबसे यादगार उपलब्धि, जिसे आप हमारे और अपने पाठकों के साथ भी शेयर करना चाहेंगे?
संतोष रा. अडपावार : मेरे जीवन की सबसे यादगार उपलब्धि 1993 में मुझे भारत स्काउट गाईड के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिला।

Buuks2Read : आपका सबसे प्रिय लेखक / लेखिका और उनकी रचनाएँ / किताब?
संतोष रा. अडपावार : मेरा सबसे प्रिय लेखक मुंशी प्रेमचंद जी है और उनकी रंगभूमि मेरी सबसे पसंदीदा किताब है। माफ कीजिएगा आज के लेखकों की किताबें बहुत कम ही पढता हूँ।

Buuks2Read : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
संतोष रा. अडपावार :

हिंदी हमारी जान है,
हिंदी से हिंदूस्थान की पहचान है।
इसका हो हर जगह मान,
बढाना इसका सम्मान हैं।

Buuks2Read : वर्तमान व्यवसाय और लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
संतोष रा. अडपावार : मैं एक व्यापारी हूँ। ज्यादा से ज्यादा वक्त बिजनेस और संयुक्त परिवार संभालने में जाता है। बचे वक्त में लेखन, समाज सेवा, समाज जागृति, पर्यावरण संरक्षण के जो भी कार्य संस्थाओ द्वारा नियोजित होते है वे करता हूँ। इन सब के बाद खाली समय मिलें तो सिर्फ किताबें पढ़ता हूँ।

Buuks2Read : अब तक प्रकाशकों के साथ आपका अनुभव कैसा रहा?
संतोष रा. अडपावार : सभी प्रकाशकों के साथ बहुत ही अच्छा अनुभव रहा है।

Buuks2Read : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
संतोष रा. अडपावार : पाठकों और प्रशंसकों को संदेश नहीं बल्कि उनका धन्यवाद करना चाहूँगा और अच्छी अच्छी कृतियों को पढ़ते रहें।

Buuks2Read : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी?
संतोष रा. अडपावार : अभी एक उपन्यास लिख रहा हूँ। कुछ भाग हुए है पूर्ण होने के बाद प्रकाशित करूँगा। किस विषय पर आधारित है यह अभी नहीं बताऊंगा ।

Buuks2Read : नवोदित लेखकों को क्या सलाह देना चाहेगें?
संतोष रा. अडपावार : नवोदित लेखकों को सलाह हैं कि वे नये पुराने कवियों और लेखकों की रचनाएँ और कृतियां सदा पढ़ते रहें। उनमें से ही ज्यादा ज्यादा मार्गदर्शन मिल सकता है।

About the ‘Bal Kavya – Poetry Collection’

साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ के लेखक संतोष रा. अडपावार जी से साक्षात्कार‘बाल कविता’ यानी बच्चों के लिए लिखी गयी कविता, जिसमें बच्चों की शिक्षा, जिज्ञासा, संस्कार एवं मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर रचना की गई हो। वह चाहे माँ की लोरियों के रूप में हो, या पिता की नसीहतों के रूप में, या बच्चों के आपस के खेल-खेल में हो। इसमें भले ही निरर्थक शब्दों की ध्वनियाँ होती हैं, पर बड़ी आकर्षक होती हैं। ऐसी ही कविताओं को इस साझा संग्रह में शामिल किया गया है, जो नन्हें बच्चों को बहुत पसंद आयेगी।

साझा काव्य संग्रह ‘बाल काव्य’ के लेखक संतोष रा. अडपावार जी से साक्षात्कार


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