Buuks2Read को साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय देने के लिए रमा त्यागी जी का धन्यवाद करते हैं। रमा त्यागी जी का एक काव्य संग्रह ‘अभिव्यक्ति के पंख’ वर्ष 2022 में प्रकाशित हुआ है और इसके अलावा आप कई साझा संकलनों में सहभागिता भी कर चुकीं है। रमा जी एक सेवानिवृत शिक्षिका हैं व वर्तमान में साहित्य सृजन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। आशा करते हैं कि पाठकों को रमा त्यागी जी का साक्षात्कार पसंद आएगा। साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश आपके लिए प्रस्तुत हैं-
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, नमस्कार। हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। यदि आप अपने शब्दों में आप अपना परिचय देंगें, तो सम्मानित पाठक आपके बारे मे ज्यादा जान पायेंगे?
Rama Tyagi : मैं रमा त्यागी ‘एकाकी’ एक सेवा निवृत अध्यापिका हूँ। मैंने नोएडा पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नोएडा में 25 वर्षो तक अध्यापन कार्य किया है। मूलतः मैं राजा का ताजपुर, बिजनौर यू. पी. की रहने वाली हूँ। अभी इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद, यू. पी. में मेरा निवास स्थान है ।
Buuks2Read : अपनी पहली प्रकाशित पुस्तक के बारे में जानकारी दे, ताकि पाठक आपकी किताब के बारे में ज्यादा जान सकें?
Rama Tyagi : मेरा प्रथम काव्य संग्रह ‘अभिव्यक्ति के पंख’ अगस्त 2022 में प्रकाशित हुआ है। इसमें अधिकांश मुक्तक, क्षणिकाएँ एवं लघु कविताएं हैं। इसमें प्रत्यक्ष कोमल भावों क़ी अभिव्यक्ति है। कभी ज़िन्दगी में आशा, कभी निराशा, कभी प्रेरणा, कभी उपेक्षा, कभी कोरोना से मृत्यु का भय, कहीं जीवन में उम्मीद क़ी किरण, कहीं जंग की भयावहता ने हृदय को उद्दवेलित किया और भावों कीं कविता में परीणीति हुई । इस काव्य संग्रह के द्वारा मेरा प्रयास है कि मेरी भावाभिव्यक्ति पाठक तक पहुंचे और प्रत्येक कविता पाठक के हृदय को स्पर्श कर पाए।
Buuks2Read : आपकी पुस्तक ‘अभिव्यक्ति के पंख’ में क्या विशेष है?
Rama Tyagi : ‘अभिव्यक्ति के पंख’ काव्य संग्रह भावों क़ी कोमल अनुभूति है जो पाठक को स्वयं से जोड़े रखने का प्रयास करती है। मेरा यह काव्य संग्रह मेरी माताजी स्व. सरला त्यागी को समर्पित है।
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, पुस्तक प्रकाशित कराने का विचार कैसे बना या किसी ने प्रेरणा दी?
Rama Tyagi : लगभग 40 वर्षों के बाद मैंने पुनः लेखन प्रारम्भ किया। कोरोना के समय मे अकेलेपन ने मुझे अपनी लेखनी उठाने के लिए प्रेरित किया। ईश्वरीय कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं होता। पुनः लेखन को मैं ईश्वरीय कृपा मानती हूँ। मेरे परिवार एवं मित्रो ने मेरा उत्साहवर्धन किया और बच्चों ने पुस्तक प्रकाशन के लिये प्रेरित किया। कुछ कविताएं और ग़ज़ल प्रारम्भ में साहित्यिक पत्रिका ‘पुष्पगंधा ‘ में प्रकाशित हुई। जिसके लिए पुष्पगंधा के संपादक श्री विकेश निझावन जी क़ी आभारी हूँ। उन्होंने मेरी प्रतिभा को पहचाना और प्रोत्साहित किया।
यह भी पढ़ें – Self Published लेखकों के लिए पुस्तक प्रमोशन करने के प्रभावी तरीके (हिंदी में)
Buuks2Read : पुस्तक के लिए रचनाओं के चयन से लेकर प्रकाशन प्रक्रिया तक के अनुभव को पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगें?
Rama Tyagi : यह मेरा प्रथम प्रकाशित काव्य संग्रह है। प्रकाशन से सम्बंधित मुझे क़ोई जानकारी नहीं थी। मेरी एक परिचिता ने प्राची डिजिटल पब्लिकेशन का फ़ोन नंबर दिया। प्राची डिजिटल पब्लिकेशन से प्रकाशन संबधित जानकारी प्राप्त की। मेरे पास इतनी अधिक लेखन सामग्री थी कि उनमे से यह निश्चय करना कठिन कार्य था कि इस काव्य संग्रह में क्या प्रकाशित कराया जाए। कविताएं, गज़लें, मुक्तक, क्षणिकायें या लघु कथाएं।
फिर मैंने सोचा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि पहले पाठक मुझे पढ़े। इसलिए अधिकतर मुक्तक, क्षणिकायें और लघु कविताएं प्रकाशित करने का निर्णय लिया। इस काव्य संग्रह में मेरी बिटिया इति त्यागी का बहुत सहयोग रहा। पुस्तक का आवरण और कविताओं के साथ जो रेखाचित्र हैं वह इति त्यागी ने ही बनाये हैं। वह एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर एवं आर्टिस्ट है। कुछ रेखाचित्र श्री विकेश निझावन जी ने बनाये हैं। प्रत्येक कविता के साथ चित्र उस कविता को और गहराई प्रदान कर रहें हैं।
Buuks2Read : आपकी पहली सृजित रचना कौन-सी है और साहित्य जगत में आगमन कैसे हुआ, इसके बारे में बताएं?
Rama Tyagi : पहली रचना मैंने 10 वर्ष की आयु में लिखी थी जो नंदन की चित्र प्रतियोगिता में भेजी थी। मैं विज्ञानं की विद्यार्थी रही और विज्ञान ही बच्चों को पढ़ाया। लेकिन साहित्य पढ़ने का बहुत शौक था। कादम्बिनी मेरी पसंदीदा पत्रिका थी। कोई भी पुस्तक पूरी पढ़े बिना नहीं छोड़ती थी। मेरा क़ोई साहित्यिक बैकग्राउंड नहीं रहा लेकिन साहित्य से प्रेम अवश्य रहा।
लेखन में कविता मेरा पहला प्रेम है वैसे मैं ग़ज़ल, शायरी, लघुकथा और समीक्षा भी लिखती हूँ। साहित्यिक विश्व मैत्री मंच से जुडी हूँ। ऑनलाइन कवि गोष्ठियों में मेरी कविताएं पसंद की जाती रही हैं। कुछ पत्रिकाओं में भी कविताएं प्रकाशित हुई है।
Buuks2Read : अब तक के साहित्यिक सफर में ऐसी रचना कौन सी है, जिसे पाठकवर्ग, मित्रमंडली एवं पारिवारिक सदस्यों की सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया प्राप्त हुई?
Rama Tyagi : भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिन पर लिखी गई कविता को परिवार, मित्रों और पाठकगण का बहुत प्यार मिला।
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, किताब लिखने या साहित्य सृजन के दौरान आपके मित्र या परिवार या अन्य में सबसे ज्यादा सहयोग किससे प्राप्त होता है?
Rama Tyagi : साहित्य सृजन के दौरान पति, बच्चों, मित्रों एवं सम्बंधियों सभी का प्रोत्साहन मिला। लेकिन मैंने ईश्वरीय कृपा को अनुभव किया जिसको मैं अपनी साहित्य रचना की प्रेरणा मानती हूँ।
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, साहित्य जगत से अब तक आपको कितनी उपलब्धियाँ / सम्मान प्राप्त हो चुके हैं? क्या उनकी जानकारी देना चाहेंगें?
Rama Tyagi : मैंने अभी लेखन की शुरूआत की है। अभी कहीं भी अपनी रचनाएँ नहीं भेजी। सप्तऋषिकुलम की एक काव्य गोष्टी में अवश्य उन्होंने सम्मानित किया था। लेखन आत्मसंतुष्टि प्रदान करता है। सम्मान या पुरुस्कार क़ोई मायने नहीं रखता। मेरी राय में पाठको के प्यार से बड़ा क़ोई सम्मान नहीं होता।
यह भी पढ़ें – पहली बार पुस्तक प्रकाशन करा रहे हैं तो आपको यह बातें जरूर जाननी चाहिए
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, आप सबसे ज्यादा लेखन किस विद्या में करतें है? और क्या इस विद्या में लिखना आसान है?
Rama Tyagi : मैं अधिकतर कविताएं लिखती हूँ। कविता भाव अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। यह कहना बहुत कठिन है कि क़ोई भी विधा बहुत कठिन है या आसान है। एक विधा एक के लिए आसान हो सकती है दूसरे के लिए नहीं। मेरे लिए कविता लिखना आसान है क्योंकि मैं भाव को शब्द देती हूँ और वो कविता के रूप में परिलक्षित हो जाते हैं।
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, आप साहित्य सृजन के लिए समय का प्रबंधन कैसे करते हैं?
Rama Tyagi : सेवानिवृत होने के बाद मेरे पास समय ही समय है। मेरी दो बेटियां और एक बेटा है. सबका विवाह हो चुका है। मेरा अधिकतर समय लेखन के लिये ही है।
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, आप अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा कहां से प्राप्त करते है?
Rama Tyagi : मुझे मेरी रचनाओं की प्रेरणा मेरे आस-पास ही मिल जाती है। कवि हृदय दर और दीवार में भी कविता ढूंढ लेता है. प्रकृति सबसे अधिक प्रेरणा देती है। आप मेरा काव्य संग्रह पढ़िए। आपको प्रेरणा के स्रोत मिल जायेंगे। ‘अभिव्यक्ति के पंख ‘ काव्य संग्रह में गुरु वंदना के बाद पहली कविता ही ‘प्रेरणा के स्रोत’ है।
Buuks2Read : आपके जीवन में प्राप्त विशेष उपलब्धि या यादगार घटना, जिसे आप हमारे पाठकों के साथ भी शेयर करना चाहते हैं?
Rama Tyagi : मेरा प्रथम काव्य संग्रह ‘अभिव्यक्ति के पंख’ ही मेरी उपलब्धि है। जिस दिन यह प्रकाशित होकर आया मैं इतनी अभिभूत हो गई कि ख़ुशी से ऑंखें छलक गईं।
Buuks2Read : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना पसंद करते हैं?
Rama Tyagi : पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी और दुष्यंत कुमार जी की रचनाएँ पढना पसंद करती हूँ। कुमार विश्वास जी को सुनना बहुत पसंद हैं।
Buuks2Read: हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
Rama Tyagi : हिंदी भाषा में लोगों की रूचि कम होती जा रही है। बच्चें हिंदी पढ़ना नहीं चाहते। हिंदी में रुझान के लिये हम बच्चों के लिये अच्छे साहित्य का सृजन करें। घर में हिंदी की पुस्तकें एवं पत्रिकाएं मंगवाएं। अभिभावक बच्चों को हिंदी पढ़ने के लिये प्रोत्साहित करें। हिंदी भाषा पर स्वयं भी गर्व करें और बच्चों को गर्व करना सिखाएं। साहित्य के उत्थान के लिये हमें जड़ों पर काम करना होगा। अच्छा साहित्य लिखा जाये और उपलब्ध कराया जाये।
Buuks2Read :साहित्य सृजन के अलावा अन्य शौक या हॉबी, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
Rama Tyagi : साहित्य सृजन के अलावा ग़ज़ल और कविताएं सुनना ही मेरा शौक है।
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, क्या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी?
Rama Tyagi : अगली पुस्तक बहुत शीघ्र ही प्रकाशित कराने का विचार है। वह भी एक काव्य संग्रह ही होगा।
Buuks2Read : साहित्य की दुनिया में नये-नये लेखक आ रहे है, उन्हें आप क्या सलाह देगें?
Rama Tyagi : नए लेखकों को मेरी सलाह है कि ईमानदारी से लिखें। अच्छा साहित्य पढ़े और लिखें। साहित्य की गरिमा बनाये रखें। फूहड़ता से बचें।
यह भी पढ़ें – लेखकों के बीच पुस्तक प्रकाशन को लेकर कुछ गलत धारणाएं और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ
Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
Rama Tyagi : जी हाँ, ज़ब तक जीवन है मैं साहित्य की दुनिया में बने रहना चाहूंगी। अभी मुझे बहुत कुछ लिखना है।
Buuks2Read : रमा त्यागी जी, यह अंतिम प्रश्न है, आप अपने अज़ीज शुभचिन्तकों, पाठकों और प्रशंसकों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?
Rama Tyagi : जीवन में सकारात्मक रहें। शुद्ध सात्विक भाव रखें। कुछ भी अच्छा करने का भाव मन में रखें और उसका आरम्भ स्वयं से करें। जीवन ईश्वर कीं अनुपम देन है उसका आदर करें। क़ोई भी नकारात्मक विचार मन में ना आने दें। जीवन में ईमानदार और सहिष्णु रहें।
Copyright Notice © Re-publishing of this Exclusive Post (Also applicable for Article, Author Interview and Book Review published on buuks2read.com) in whole or in part in any social media platform or newspaper or literary magazine or news website or blog without written permission of Buuks2Read behalf of Prachi Digital Publication is prohibited, because this post is written exclusively for Buuks2Read by our team or the author of the article.