महिला प्रधान साझा काव्य संकलन ‘नारी तू अपराजिता’ की एक कवयित्री प्रियंका गहलौत जी से साक्षात्कार

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पिछले दिनों प्राची डिजिटल पब्लिकेशन द्वारा एक महिला प्रधान साझा काव्य संकलन ‘नारी तू अपराजिता‘ प्रकाशित किया गया है, जिसका संपादन प्रीति चौधरी ‘मनोरमा’ जी द्वारा किया गया है। ‘नारी तू अपराजिता’ में देशभर से चुन्निदा कवयित्रियों की रचनाएं शामिल हैं, जिनमें से एक कवयित्री प्रियंका गहलौत जी का साक्षात्कार प्रकाशित किया जा रहा है। प्रस्तुत है ‘नारी तू अपराजिता’ प्रधान साझा काव्य संकलन की एक कवयित्री प्रियंका गहलौत जी से साक्षात्कार-

महिला प्रधान साझा काव्य संकलन ‘नारी तू अपराजिता’ की एक कवयित्री प्रियंका गहलौत जी से साक्षात्कार

Buuks2Read : हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। क्या आप हमारे पाठकों को अपने शब्दों में परिचय देंगें?

Priyanka Gahalaut : नमस्कार 🙏, मैं प्रियंका गहलौत (प्रिया कुमार) मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से हूँ। मैंने मनोविज्ञान से परास्नातक की डिग्री ली है,लेखन के प्रति रुझान पाठक के रुप में हुआ पढ़ने का बचपन से शौक है…।

Buuks2Read : क्या आप अपनी प्रकाशित पुस्तकों के बारे में बताना चाहेंगे?

Priyanka Gahalaut : मेरी रचनाएँ अब तक चार साझा काव्य संग्रहों में प्रकाशित हो चुकी है, जिनमें नारी – तू अपराजिता, स्पन्दन, नवदीप, नारी शक्ति सागर आदि है। इसके अतिरिक्त अरुणोदय पत्रिका में एवं कई समाचार पत्रों और डिजिटल मंच पर भी कविताएं लिखती हूँ।

Buuks2Read : पिछले दिनों प्रकाशित साझा संकलन ‘नारी तू अपराजिता’ में आपकी रचनाएं भी शामिल की गईं है, क्या आप इस साझा संकलन के बारे में बताएंगें?

Priyanka Gahalaut : ‘नारी तू अपराजिता’ एक अनूठा संग्रह है क्योंकि इसमें शामिल सभी रचनाएँ स्त्री विषय पर है और सभी रचनाकार भी महिलाएँ है, साथ ही पुस्तक की सम्पादक भी एक महिला आदरणीय प्रीति चौधरी जी है। मैं तो यही कहूंगी कि हर रचना नारी ह्रदय से निकली है और परिपूर्ण है। सभी रचनाकारों से लेकर सम्पादक महोदया का महिला होना इस संकलन की सबसे बड़ी विशेषता है। जैसा नाम वैसा ही गुण इस काव्य संग्रह का है। प्रत्येक रचनाकार की रचनाएँ विभिन्नता एवं नारी सशक्तिकरण कों प्रेरित करती हुई है।

Buuks2Read : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?

Priyanka Gahalaut : मैं स्वतंत्र लेखन करने में विश्वास करती हूँ क्यूंकि मैं मन के भाव शब्दों में पिरोती हूँ… और मन किसी एक विधा में नहीं बंध सकता है। फिर भी अधिकांश तुकांत कविता लिखने का प्रयास करती हूँ।

Buuks2Read : किसी भी लेखक या लेखिका के लिए पहली प्रकाशित पुस्तक बहुत ही मायने रखती है और उसके प्रकाशन का अनुभव बहुत खास होता है। क्या आप प्रथम प्रकाशन के उस अनुभव को हमारे पाठकों के बीच साझा करेंगे?

Priyanka Gahalaut : प्राची डिजिटल पब्लिकेशन के संग ‘नारी तू अपराजिता’ मेरा पहला काव्य संग्रह ही नहीं अपितु मेरे लिए वह काव्य संग्रह है, जिससे मैं ह्रदय से जुड़ी हूँ। प्राची डिजिटल पब्लिकेशन का प्रबंधन बहुत उम्दा है, उन्होंने ऐसे समय में इस काव्य संग्रह को प्रकाशित किया है, ज़बकि कोरोना काल में पूरी दुनिया ठहरी हुयी है… मेरा प्रथम अनुभव बेहद शानदार है।

Buuks2Read : आप साहित्य सृजन कब से कर रहें हैं, अब तक अर्जित उपलब्धियों की जानकारी देना चाहेंगे?

Priyanka Gahalaut : मैं पिछले 3 वर्षो से निरंतर लिख रही हूँ, your quote, प्रतिलिपि, womensweb, कलामंथन जैसे कई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लिखती हूँ, जहाँ मेरी रचनाएँ प्रकाशित है। अब तक कई काव्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और कई प्रशस्ति पत्र प्राप्त कर चुकी हूँ। इसके आलावा ‘हिंदी साहित्य संग्रह’ और ‘उत्कृष्ट हिंदी साहित्य’ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित मासिक प्रतियोगिता में ‘हिंदी प्रेणना सम्मान’ से सम्मानित हुई हूँ। प्राची डिजिटल पब्लिकेशन ने भी मुझे मेरे लेखन के लिए ‘अपराजिता कवियत्री’ के सम्मान से नवाजा है।

Buuks2Read : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं?

Priyanka Gahalaut : जी बिल्कुल… मैं भविष्य में अपनी स्वयं की लिखित कविताओं को एक पुस्तक के रुप में प्रकाशित करने की ओर प्रयासरत हूँ …और आशा है इस के लिए मुझे पुनः प्राची डिजिटल पब्लिकेशन का सहयोग प्राप्त होगा। 🙏😊

Buuks2Read : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना चाहेंगें?

Priyanka Gahalaut : पढ़ना मेरा हमेशा से पहला शौक रहा है। मैंने प्रेमचन्द्र जी, महादेवी जी, सआदत हसन मंटो, गुलजार और अमृता प्रीतम को पढ़ा है… इनमें चुनना बेहद मुश्किल है क्योंकि ये सभी मुझे पसंद है… कुछ किताबों के नाम है जो मेरे पास है और जिन्हें में कई बार पढ़ चुकी हूँ और पढ़ना भी चाहूंगी…।

  1. मंटो के बेहतरीन अफसाने
  2. खतो का सफरनामा – अमृता प्रीतम
  3. दो खिड़कियां – अमृता प्रीतम
  4. सर्वश्रेष्ट कहानियाँ – प्रेमचंद्र
  5. एन्ने फ्रेंक की डायरी – हिंदी अनुवाद में

Buuks2Read : लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?

Priyanka Gahalaut : लेखन के अतिरिक्त मैं संगीत सुनने का शौक रखती हूँ!

Buuks2Read : आपके जीवन की कोई ऐसी प्रेरक घटना जिसे आप हमारे पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगे?

Priyanka Gahalaut : बात कॉलेज के दिनों की है तब हमारी कक्षा का एक नियम था के रोज किसी एक विधार्थी को एक सुविचार ब्लैकबोर्ड पे लिखना है, ज़ब मेरी बारी आयी मैंने अपना स्वरचित विचार लिखा जिसे पढ़ के प्राचार्या जी ने मुझे शाबाशी दी, उनके प्रोत्साहन से मेरे लेखन को बल मिला। 😊

Buuks2Read : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?

Priyanka Gahalaut : सर्वप्रथम मैं गर्व से कहूँगी कि हाँ! मैं हिंदी भाषी हूँ और हिंदी में लिखना बोलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। हर भारतीय को चाहिए कि अपनी मातृभाषा का सम्मान करे, भाषा हर राष्ट्र हर संस्कृति की पहचान होती है। मुझे अफ़सोस है कि हिंदी वर्तमान समय में उपेक्षित हो रही है किन्तु आशा बनी है हमारे हिंदी साहित्यकारों से जो नित नए प्रयास कर रहें है हिंदी की पौध को बचाने के लिए… उन्हें मेरा नमन है। मैं पूरी कोशिश करती हूँ कि जहां तक हो सके अपनी भाषा को उपयोग करूँ, मेरी भाषा मेरा अभिमान, पहचान है। समयानुसार नई बातें, भाषा सीखना बुरा नहीं है किन्तु अपनी भाषा की उपेक्षा करना सही नही। 🙏

Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?

Priyanka Gahalaut : जी बिल्कुल, सदैव! जीवन भर अनुभव और भाव हमसे जुड़ते है और मैं निरंतर उन्हें शब्दों में पिरोती रहूंगी। 🙏

Buuks2Read : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?

Priyanka Gahalaut : मैं प्रिय पाठको से यही कहना चाहूंगी कि डिजिटल दुनिया से भी खूबसूरत किताबों की दुनिया है, पढ़ना सदैव जारी रखे, किताबें पढ़ना हमारे दिमाग़ की मानसिक खुराक है। आप जिस भाषा में भी पढ़े मगर किताबों को ध्यान से पढ़े! बहुत धन्यवाद। 🙏😊

About the Book

महिला प्रधान साझा काव्य संकलन ‘नारी तू अपराजिता’ की एक कवयित्री प्रियंका गहलौत जी से साक्षात्कार

The book “Nari Tu Aparajita” is unique and wonderful in itself, as the collection contains unique and priceless poetic works of selected poets from across the country. This compilation is also unique in itself because it includes only female poets and editing has also been done by the female editor. It is known by the name that the compilation “Nari Tu Aparajita” presents the strong role of women to the readers. In the compilation, the problems and agony of women are described through words. Whether it is any form of woman – like mother, sister, daughter, Indian, girlfriend etc. In this, the portrayal of the gentle feelings of the woman is presented to the readers in a poetic manner through words.

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