पिछले दिनों Taneesha Publishers द्वारा एक साझा काव्य संग्रह ‘अनामिका‘ प्रकाशित किया गया है, जिसका संपादन राजीव कुमार झा जी द्वारा किया गया है। ‘अनामिका’ में देशभर से चुन्निदा रचनाकारों की रचनाएं शामिल हैं, जिनमें से एक लेखक श्रवण कुमार दुबे भी शामिल रहे हैं, उनका साक्षात्कार प्रकाशित किया जा रहा है। प्रस्तुत है ‘अनामिका’ साझा काव्य संग्रह के एक लेखक श्रवण कुमार दुबे जी से साक्षात्कार-
Buuks2Read : हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। क्या आप हमारे पाठकों को अपने शब्दों में परिचय देंगें?
Sharvan Kumar Dubey : मैं श्रवण कुमार दुबे, उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती का निवासी हूँ, जो वशिष्ठ मुनि जी की तपस्थली रही है, जहाँ पर हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार आचार्य श्री राम चन्द्र शुक्ल, सर्वेश्वर दयाल जी, लक्ष्मी नारायण लाल जी, आचार्य द्विजेश मिश्र जी आदि महान विभूति जो विश्व पटल पर अपना अमिट प्रभाव छोड़ गये हैं, खुद को उसी बस्ती से जुड़ा होने पर गौरवान्वित महसूस करता हूँ। वर्ष 2007 में पहली कविता ‘भारत सपनों का’ लिखा, समाचार पत्रों में कई रचना प्रकाशित हुई, किंतु 2021 में मेरे सपनों को पंख प्राची डिजिटल पब्लिकेशन द्वारा ही मिला, जब साझा काव्य संग्रह ‘अनामिका’ में मुझे स्थान ही नहीं मिला वरन् ‘अनामिका सम्मान 2021’ से मुझे अलंकृत होने का सौभाग्य मिला।
Buuks2Read : हाल ही में प्रकाशित अपनी नई किताब के बारे में बताएं?
Sharvan Kumar Dubey : साझा काव्य संकलन ‘अनामिका’ में मेरी दी हुई तीन रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं, जीवन के विविध आयामों को छूती हुई यह पुस्तक आज के परिप्रेक्ष्य में पाठकों को अपनी तरफ आकर्षित करती हुई नजर आती है। पाठकों को जरूर पढ़ना चाहिए, क्योंकि इसमें देशभर से 21 लेखकों की प्रेरक रचनाएं शामिल है।
Buuks2Read : पुस्तक प्रकाशन के लिए विचार कैसे बना या कैसे प्रेरित हुए?
Sharvan Kumar Dubey : मैं चंद शब्दों में यही कहूँगा कि इसके लिए (प्राची डिजिटल पब्लिकेशन) प्राची परिवार का आभारी हूँ।
Buuks2Read : किसी भी लेखक या लेखिका के लिए पहली प्रकाशित पुस्तक बहुत ही मायने रखती है और उसके प्रकाशन का अनुभव बहुत खास होता है। क्या आप प्रथम प्रकाशन के उस अनुभव को हमारे पाठकों के बीच साझा करेंगे?
Sharvan Kumar Dubey : निश्चित रूप से मुझे ऐसा लगता है, जैसे नारी शक्ति को मातृत्व का सुख और पितृ शक्ति को पितृत्व का सुख। मेरे लिए भी प्रथम पुस्तक का प्रकाशित होना अद्भुत, अकल्पनीय, अविस्मरणीय, अलौकिक और आनंददायक पल रहा है।
Buuks2Read : आप साहित्य सृजन कब से कर रहें हैं, अब तक अर्जित उपलब्धियों की जानकारी देना चाहेंगे?
Sharvan Kumar Dubey : साहित्य सृजन तो 2007 से कर रहा हूँ, किंतु व्यक्तिगत जीवन की व्यस्तता के चलते निरंतरता कभी नहीं बन पाई।
Buuks2Read : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना चाहेंगें?
Sharvan Kumar Dubey : जी मेरे आदर्श दिनकर जी, पंत जी, जयशंकर प्रसाद जी हैं। मेरी पसंदीदा पुस्तक ‘Mein Kampf’ (मेरा संघर्ष) है, जिसे एडोल्फ हिटलर ने लिखा है।
Buuks2Read : लेखन के अलावा आपके अन्य शौक क्या हैं, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
Sharvan Kumar Dubey : पुराने क्लासिकल गाने पसंद हैं, साथ ही ऐतिहासिक व साहित्यिक पुस्तकें पढ़ने का शौक है।
Buuks2Read : आपके जीवन की कोई ऐसी प्रेरक घटना जिसे आप हमारे पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगे?
Sharvan Kumar Dubey : जी हाँ, इस विषय पर सिर्फ इतना कहना चाहूँगा कि हर व्यक्तित्व के निर्माण में घटनाएं अमिट प्रभाव डालती हैं।
Buuks2Read : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
Sharvan Kumar Dubey : हमारी मातृभाषा हिंदी विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है और हम सबको अपनी भाषा के प्रति सम्मान बनाए रखने के लिए और हिंदी साहित्य के उत्थान के लिए हिंदी पर विशेष प्रयास करना होगा। पाश्चात्य भाषा की जानकारी होना ठीक है लेकिन हिन्दी का वर्तमान में शैक्षिक संस्थानों में जो स्थान अंग्रेजी ने लिया है उससे पीड़ा होती है। दुर्भाग्य से हिन्दी हिन्दुस्तान में ही उपेक्षित है,अंग्रेजी शिक्षा जोरो पर है, और अंत में यही कहना चाहूंगा कि भारत के सभी विभागों, न्यायालयों आदि में हिन्दी भाषा का प्रयोग किया जाए।
Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
Sharvan Kumar Dubey : सिर्फ और सिर्फ इतना कहूंगा, उम्मीद पर दुनिया कायम है।
Buuks2Read : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
Sharvan Kumar Dubey : आप सब का प्यार और अपनापन मेरी पूंजी है, आप सबके हृदय को मेरी रचनाएं छूती हुई बढ़ें, यही मेरा प्रयास है।
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आपके साहित्यिक भविष्य की शुभकामनाएं
हृदय तल से आभार