लेखिका एवं कवयित्री गुड़िया कुमारी जी का पिछले दिनों काव्य संग्रह ‘तुम अपना ख्याल रखना’ प्रकाशित हुई हैं। Buuks2Read द्वारा गुड़िया कुमारी जी का साक्षात्कार किया गया और साक्षात्कार में हमने उनकी नई किताब के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनकी साहित्य यात्रा के बारे में जानने का प्रयास किया। गुड़िया कुमारी जी ने हमारे सवालों के बहुत सुंदर एवं सुलझे हुए जवाब दिये, जो निश्चित ही पाठकों को भी अवश्य पसंद आएंगे। पेश हैं आपके लिए साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश-
Buuks2Read : गुड़िया जी, नमस्कार। हम आपका शुक्रिया करना चाहते हैं क्योंकि आपने हमें साक्षात्कार के लिए अपना कीमती समय दिया। यदि आप अपने शब्दों में आप अपना परिचय देंगें, तो सम्मानित पाठक आपके बारे मे ज्यादा जान पायेंगे?
गुड़िया कुमारी : जी, नमस्कार व सर्वप्रथम बेहद शुक्रिया आपका जो आपने मुझे इस साक्षात्कार के योग्य समझा। मैं गुड़िया कुमारी बिहार राज्य के पुर्णिया जिले में स्थित झुंनी कला नामक गाँव से हूँ। वर्त्तमान में मैं पुर्णिया महिला महाविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य से स्नातक कर रही हूँ तथा साथ ही साथ डिस्कवरी आईएएस Academy (पुर्णिया) से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की तैयारी कर रहीं हूँ।
Buuks2Read : आपकी पुस्तक ‘तुम अपना ख्याल रखना’ पिछले दिनों ही प्रकाशित हुई है, उसके बारे में जानकारी दे, ताकि पाठक आपकी किताब के बारे में ज्यादा जान सकें?
गुड़िया कुमारी : पिछले माह मेरा पहला काव्य संग्रह “तुम अपना ख़्याल रखना” प्राची डिजिटल पब्लिकेशन से प्रकाशित हुई है जिसमें कुल 74 कविताएँ हैं जिनकी भूमिका आदरणीया मीनाक्षी मैम लिखीं हैं। पुस्तक की अधिकांश कवितायें प्रेम पर आधारित है और कुछ समाज में घटित होने वाले विभन्न आयामों पर है।
Buuks2Read : गुड़िया जी, पुस्तक प्रकाशित कराने का विचार कैसे बना या किसी ने प्रेरणा दी?
गुड़िया कुमारी : “तुम अपना ख़्याल रखना” से पहले भी पाँच साझा काव्य संग्रह में मेरी कुछ कविताएँ प्रकाशित हो चुकी है (संभावनाओं के स्वर, अब आ जाओ न, पहल, पलपल दिल के पास, आया सावन झूम के) और “कहानी नई कलम से” नामक साझा कहानी संग्रह में भी मेरी एक कहानी प्रकाशित हुई है। लगभग 2 वर्षों से विभिन्न समाचार पत्रों व पत्रिका में मेरी रचनाएँ प्रकाशित होती आ रही है, लेकिन मेरे पाठक मित्र ऐसी किताब पढ़ना चाहतें थे जिसमें सिर्फ मेरी रचना हो। पाठकों एवं शुभचिन्तकों की इच्छा का ध्यान रखते हुए मैंने “तुम अपना ख़्याल रखना” प्रकाशित करवाने का फैसला लिया।
Buuks2Read : पुस्तक के लिए रचनाओं के चयन से लेकर प्रकाशन प्रक्रिया तक के अनुभव को पाठकों के साथ साझा करना चाहेंगें?
गुड़िया कुमारी : इस पुस्तक को प्रकाशित करवाने में रंजना दी, हंस राज सर, मैडम मीनाक्षी सिंह भारद्वाज और ब्रजेश वर्मा सर का बहुत योगदान रहा है। इन लोगों के सहयोग के वजह से ही पुस्तक कम समय में पाठकों के बीच आयी। पुस्तक कम समय में प्रकाशित करने के लिये प्राची डिजिटल पब्लिकेशन को धन्यवाद और इस पुस्तक के प्रकाशन में जिन्होंने भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मेरा सहयोग किया है उनका तहेदिल से शुक्रिया।
Buuks2Read : आपकी पहली सृजित रचना कौन-सी है और साहित्य जगत में आगमन कैसे हुआ, इसके बारे में बताएं?
गुड़िया कुमारी : मैंने पहली कविता 21 सितंबर 2019 को लिखी थी जिसका शीर्षक है “हमारे युग का प्यार” और कविता की पंक्तियां कुछ इस प्रकार है:-
“अपनो से जुदा करता है,
माँ बाप को ख़फ़ा करता है।
हमारी मंजिल को हमसे छिनता है,
गैरो पे विश्वास करना सिखाता है
यही है हमारे युग का प्यार,
यही है…………………
रात रातभर जागना सिखाता है,
अपने ही दोस्तो से नफरत
करना सिखाता है।
किताबों को हमसे दूर करता है
मोबाइल के नजदीक हमें ये लाता है
यही है हमारे युग का प्यार,
यही है………………..
आई लव यू कह के जताया जाता है,
बिन कहे कुछ समझ नही पाता है
जो चेहरे की सुंदरता से हो जाता है,
मन की सुंदरता को पहचान नही पता है।
यही है हमारे युग का प्यार,
यही है……….
जो करता हो वादे जीवन भर साथ निभाने का
बीच सफर में ही साथ छोड़कर चला जाता हो
जो बस गुलाब की पंखुड़ियों से मिलाता हो
काँटो से रूबरू ना कराता हो।
जो दो परिवार को तोड़कर
बस दो दिल को मिलाता है
यही है हमारे युग का प्यार, यही है…….
साहित्य जगत में आगमन की बात करें तो बस ये अचानक से हो गया। इस कविता को लिखनें से पहले हम कभी नहीं सोचें थे कि हम भी लिख सकते हैं। हाँ! लेकिन सोचने की बहुत आदत है मेरी। किसी भी चीज के बारें में बहुत सोचती हूँ, ये कैसे हुआ? क्यों हुआ? और इन्हीं सोच का परिणाम मेरी पहली कविता है। इस कविता को मित्रों व गुरुजनों ने बहुत सराहा और दूसरी कविता लिखने के लिये हौसला अफजाई किया।
Buuks2Read : अब तक के साहित्यिक सफर में ऐसी रचना कौन सी है, जिसे पाठकवर्ग, मित्रमंडली एवं पारिवारिक सदस्यों की सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया प्राप्त हुई?
गुड़िया कुमारी : “तुम अपना ख़्याल रखना” ये कविता पाठक मित्रों को बहुत पसंद आई और यही कारण रहा कि इसी कविता के शीर्षक पर ही किताब का भी नाम रखा गया।
Buuks2Read : गुड़िया जी, किताब लिखने या साहित्य सृजन के दौरान आपके मित्र या परिवार या अन्य में सबसे ज्यादा सहयोग किससे प्राप्त होता है?
गुड़िया कुमारी : प्रथम मेरी माँ का बहुत सहयोग मिलता आ रहा है क्योंकि मेरी जब भी कोई किताब प्रकाशित होती है तो किताब आते ही सबसे पहले माँ ही पढ़ती है और मुझसे ज्यादा वो खुश होती है। इससे मेरा उत्साहवर्धन होता है और उन्होंने कभी ये नहीं कहा कि पढ़ाई के अलावा ये सब मत करो। हालांकि साहित्य सृजन में सभी दोस्तों ने मेरा हौसला अफ़जाई किया है। हमेशा से लेकिन मेरी दो क़रीबी दोस्त ज्योति और प्रीति का मेरे जीवन में और मुझे यहाँ तक लाने में बहुत योगदान रहा है। जब कभी हम चारो तरफ निराशाओं से घिर जाते हैं तो आशाओं की ओर ले जाने वाले और मुझमें पुनः कुछ करने की उम्मीद जगाने वाले यही दोनों हैं। मेरे गुरु आदरणीय रवि प्रकाश का भी मैं ऋणी हूँ, ये मेरे लिये बस शिक्षक ही नहीं मेरे प्रेरणास्रोत हैं। मुझ जैसे कोयले को तराशकर हीरा बनाने वाले हैं। एक गार्जियन, एक बड़े भाई बनकर मेरी गलतियों पर मुझे डांटते हैं ताकि मैं वो गलती दोबारा ना करूँ और मेरी अच्छे कार्यों पर मेरी तारीफ करते हैं ताकि मैं नित्य नई ऊचाईयों को छुउँ।।
Buuks2Read : गुड़िया जी, साहित्य जगत से अब तक आपको कितनी उपलब्धियाँ / सम्मान प्राप्त हो चुके हैं? क्या उनकी जानकारी देना चाहेंगें?
गुड़िया कुमारी : मुझे अबतक कुल 6 साहित्यिक सम्मान मिलें हैं। जो इस प्रकार है:-
- गाँधी आदर्श पुरस्कार 2021
- देवभूमि सम्मान
- देवभूमि ‘प्रेम प्रतियोगिता’ सम्मान
- साहित्य उन्नयन सम्मान
- मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य सम्मान
- साहित्य उत्थान प्रोत्साहन पत्र
Buuks2Read : गुड़िया जी, आप सबसे ज्यादा लेखन किस विद्या में करतें है? और क्या इस विद्या में लिखना आसान है?
गुड़िया कुमारी : किसी भी विधा में लिखना न ही आसान है न ही ज्यादा कठिन। बस मेहनत की जरूरत होती है और उस विधा में लिखनें में आपकी रुचि होनी चाहिये। मैं काव्य विधा में लिखती हूँ क्योंकि कविता की एक खासियत है आप इसमें बहुत बातों को कम पंक्तियों में सुसज्जित कर अपनी भावनाओं का बयां कर सकते हैं।
Buuks2Read : गुड़िया जी, आप साहित्य सृजन के लिए समय का प्रबंधन कैसे करते हैं?
गुड़िया कुमारी : ये बहुत कठिन सवाल है मेरे लिये क्योंकि मैं किसी एक समय में या हर दिन नहीं लिखती हूँ। जब भी मन की भावनाएं मस्तिष्क पर कोलाहल करने लगती है, तो मैं कॉपी और कलम लेकर लिखने बैठ जाती हूँ।
Buuks2Read : गुड़िया जी, आप अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा कहां से प्राप्त करते है?
गुड़िया कुमारी : प्रकृति से, हमारे समाज में घटित होने वाले घटनाओं से तथा दोस्तों से। प्रतिदिन हमारे साथ या हमारे समाज कुछ न कुछ ऐसी घटनाएं जरूर घटती है जिस पर कुछ लिखा जा सकता है।
Buuks2Read : आपके जीवन में प्राप्त विशेष उपलब्धि या यादगार घटना, जिसे आप हमारे पाठकों के साथ भी शेयर करना चाहते हैं?
गुड़िया कुमारी : वैसे तो बहुत से यादगार घटना है लेकिन मैं साहित्य संबंधित घटनाओं का यहाँ ज़िक्र कर रही हूँ।
बात एक फरवरी 2020 की है। जब मेरी पहली कविता जिनका शीर्षक था “नारी” आप अभी तक नामक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई थी और जब पेपर कटिंग मुझे मिली तो उस वक़्त मुझे लगा कि मैं साहित्य में कुछ अच्छा कर सकती हूँ और फिर मैंने लिखना कंटिन्यू कर दिया और उस वक़्त की खुशी को शायद शब्दों में बयां करना मुश्किल है वो पहले प्यार के पहली खुशी समान थी।
Buuks2Read : हर लेखक का अपना कोई आईडियल होता है, क्या आपका भी कोई आईडियल लेखक या लेखिका हैं? और आपकी पसंदीदा किताबें जिन्हें आप हमेशा पढ़ना पसंद करते हैं?
गुड़िया कुमारी : मेरे दो पसंदीदा लेखक मुंशी प्रेमचंद और फणीश्वरनाथ रेणु जी हैं और मेरी पसंदीदा लेखिका अमृता प्रीतम, इनका पिंजर मैं बार-बार पढ़ना चाहूंगी। अगर वर्त्तमान समय की बात करें तो मैडम मीनाक्षी सिंह भारद्वाज और मैडम प्रियंका ओम की लेखन शैली मुझे बहुत प्रभावित किया है। मीनाक्षी मैम की काव्य संग्रह “बस तुम्हारे लिये” और प्रियंका मैम की कहानी संग्रह “मुझे तुम्हारे जाने से नफ़रत है” मेरी पसंदीदा किताबों में से है।
Buuks2Read : हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के उत्थान पर आप कुछ कहना चाहेंगे?
गुड़िया कुमारी : हिंदी एक भाषा ही नहीं अपितु हिंदी हमारी पहचान है। आजकल अमूमन ये देखा जाता है कि लोग हिंदी बोलने में बहुत शरमाते हैं और अंग्रेजी गर्व से बोलते हैं। मातृभाषा बोलने में कैसी शर्म? अंग्रेजी जाननी आवश्यक है क्योंकि व्यापार की भाषा है। लोग धीरे-धीरे हिंदी से कटते जा रहे हैं। साहित्य सृजन कर, हिंदी में अच्छी-अच्छी किताबों को लाकर, हमें हिंदी को बढ़ावा देना होगा। दोस्तों से बेहिचक अंग्रेजी के बजाय हिंदी बोलना होगा।
Buuks2Read :साहित्य सृजन के अलावा अन्य शौक या हॉबी, जिन्हे आप खाली समय में करना पसंद करते हैं?
गुड़िया कुमारी : नई-नई किताबों को पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। इसके अलावा मुझे संगीत सुनना, बच्चों को पढ़ाना, बच्चों के साथ खेलना, नित्य नई चीजों को सीखना, गरीबों और असहायों की मदद करना, परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताना जरूरत पड़ने पर दोस्तों की मदद करना।
Buuks2Read : गुड़िया जी, क्या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं? यदि हां! तो अगली पुस्तक किस विषय पर आधारित होगी?
गुड़िया कुमारी : अभी कुछ कहना मुश्किल है लेकिन अगली पुस्तक कहानी संग्रह होगी । ये अभी नहीं अगले वर्ष के अंत तक प्रकाशित होने की संभावना है।
Buuks2Read : साहित्य की दुनिया में नये-नये लेखक आ रहे है, उन्हें आप क्या सलाह देगें?
गुड़िया कुमारी : लिखने से ज्यादा जरूरी है पढ़ना ।हम जिस विषय पर लिखतें हैं, उसके बारे में हमे वृहद जानकारी होनी चाहिये। नये लेखकों के लिये बस इतना ही कहना चाहूँगी की आप सर्वप्रथम पुराने लेखकों की किताबों को पढ़ना शुरू कीजिये। फिर नये लेखकों को पढियेगा तबही आप ये तय कर पायेंगे कि साहित्य में अच्छा और ज्यादा अच्छा क्या है? बाक़ी लिखते रहिये, पढ़ते रहिये, रचते रहिये मेरी ओर से तमाम नये लेखकों को शुभकामनाएं।
Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
गुड़िया कुमारी : जी बिल्कुल, अगर सबकुछ ठीक रहा तो मैं ताउम्र लेखन की दुनिया में बने रहना चाहूँगी, क्योंकि लेखन से मुझे एक नई पहचान मिली है या यूँ भी कह सकते हैं कि एक नई जिंदगी मिली है।
Buuks2Read : गुड़िया जी, यह अंतिम प्रश्न है, आप अपने अज़ीज शुभचिन्तकों, पाठकों और प्रशंसकों के लिए क्या संदेश देना चाहते हैं?
गुड़िया कुमारी : पाठक, शुभचिंतक और प्रशंसक से ही मेरी पहचान है। मेरे अज़ीज पाठकों, शुभचिंतकों और प्रशंसकों से मेरा विनम्र निवेदन है कि आप मेरी अच्छाईयों के साथ-साथ मेरी खामियों से भी मुझे अवगत करायें ताकि मैं भविष्य में आप लोगों को पढ़ने के लिये और अच्छा लिख सकूं।
- Buy from Flipkart
Visit for know more about the book – Tum Apna Khyal Rakhna
Copyright Notice © Re-publishing of this Exclusive Post (Also applicable for Article, Author Interview and Book Review published on buuks2read.com) in whole or in part in any social media platform or newspaper or literary magazine or news website or blog without written permission of Buuks2Read behalf of Prachi Digital Publication is prohibited, because this post is written exclusively for Buuks2Read by our team or the author of the article.