कल ही बसंती सामन्त जी का साक्षात्कार प्राप्त हुआ है। बसंती जी की पुस्तक अधूरे अल्फाज पिछले दिनों ही प्रकाशित हुई है। आशा करते है कि आपको बंसती सामन्त जी के साक्षात्कार को पढ़कर उनके अनुभव को जानने का अवसर मिलेगा।
Buuks2Read : कृपया संक्षेप में अपने शब्दों में अपना परिचय दें?
Basanti Samant : मै बसंती सामन्त (आयु 40 गृहणी) उत्तराखंडके ऊधमसिह नगर जिले के छोटे से गाँव बिरिया (विकासखंड खटीमा) से हूँ। लिखने का शौक बचपन से था। जैसे-जैसे वक्त बीतता गया लिखना जूनून-सा बन गया। अपने आस-पास के घटनाक्रम से जो अहसास होता। बस उसे सामान्य शब्दों मे पिरोने की छोटी-सी कोशिश खुद के लिए खुद करती हूँ।
Buuks2Read : आपकी पहली पुस्तक के बारे में बताएं?
Basanti Samant : वैसे तो मेरी पहली पुस्तक मेरी अब तक मेरी लिखी “डायरी” ही है, पर मैने एक पुस्तक ‘तेरे बिन’ लिखी है जो एक प्रेयसी की वियोग गाथा है परन्तु यह पुस्तक ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े होने के कारण मै प्रकाशित नही करवा पाई या यू कहूँगी कि मै समाज के दायरे को पार करने मे सक्षम नही हो पाई। वह दायरे जो प्राय:एक औरत के लिए चिन्हित किये गये है।
Buuks2Read : हाल ही में प्रकाशित अपनी नई किताब के बारे में बताएं?
Basanti Samant : अभी हाल ही में मेरी पहली पुस्तक ‘अधूरे अल्फाज’ प्रकाशित हुई है, जो मेरी 69 कविताओं का संग्रह है। जो कवितायें मैने अपने आस-पास से तो कुछ खुद पर घटे घटनाक्रम को देखते हुए लिखी है। इस पुस्तक में मैंने शायद ही कोई ऐसा पहलू अनछुआ रखा जो हमें जीवन मे देखने व सुनने को मिलता है।
Buuks2Read : पहली पुस्तक के प्रकाशन के दौरान अनुभव कैसा रहा?
Basanti Samant : मै एक सामान्य परिवार से होने के कारण मैने कभी अपने पुस्तक प्रकाशित होने के सपने को साकार करने के बारे मे ज्यादा नही सोचा। लेकिन जब जूनून सा हो गया तो मैने फेसबुक के जरिए से प्रकाशक के माध्यम से सपर्क किया और यह सपना पूरा किया। मेरी पहली किताब का प्रकाशन यह अनुभव मेरे लिए अद्वितीय, अद्भुत है।
Buuks2Read : आपकी पसंदीदा लेखन विधि क्या है, जिसमें आप सबसे अधिक लेखन करते हैं?
Basanti Samant : मै गद्य व पद्य दोनो में लिखती हूँ। कहीं-कहीं मेरी भाषा मे ऊर्दू भी आ जाती है परंतु मेरी पसंदीदा लेखन विधी गद्य है। मै सामान्य भाषा व सामान्य बोलचाल की भाषा मै विश्वास करती हूँ जो आम जनमानस को आसानी से ह्रदय मे एक छाप छोड़ने की छोटी सी कोशिश है मेरी।
Buuks2Read : अपने पाठकों और प्रशंसकों को क्या संदेश देना चाहते हैं?
Basanti Samant : मै पाठको से यही कहना चाहती हूँ अगर आपके अन्दर कोई काबलियत है तो आपको उसको जरूर दिखाना चाहिए कोई भी चीज आम नही होती, बशर्ते कि हम उसे खास बनाने के लिए क्या करते है यह महत्वपूर्ण है। नये लेखको को भी आपके द्वारा उतना ही स्नेह मिलना चाहिए, जितना कि एक प्रसिद्ध लेखक को। आपका स्नेह ताकत बन उभारता है उसकी लेखनी को।
Buuks2Read : क्या वर्तमान या भविष्य में कोई किताब लिखने या प्रकाशित करने की योजना बना रहें हैं?
Basanti Samant : जब मेरी पहली पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है तो मै भविष्य मे भी अपनी पुस्तक प्रकाशित कराना चाहती हूँ क्योंकि लिखना तो मेरे लिए मेरी सांसो के समान है। अगर आप लोगो का स्नेह मिला तो मै अपनी पहली अप्रकाशित पुस्तक जो अब दूसरी होगी ‘बिन तेरे’ प्रकाशित कराना चाहूंगी।
Buuks2Read : क्या आप भविष्य में भी लेखन की दुनिया में बने रहना चाहेंगे?
Basanti Samant : जी हां, भविष्य ही नही मै अपनी पूरी जिन्दगी लेखन को समर्पित कर चुकी हूं, लिखना अब मेरी सांसो के साथ ही खत्म होगा या यूँ कहूं, जिस दिन मै लिखना बंद करूँगी, उस दिन मै खत्म हो जाऊँगी।
About the ‘Adhure Alfaaz’
Poetry is a medium for me to thread my feelings into alphabets, on many occasions, poetry seems to me to be mother-father, siblings and friends, where it encapsulated my emotions and gave me a new perspective to think, to live, Many times I wrote for myself and sometimes for others, I like to engrave my experience on paper. I did not set any scope for my poems, gave them a free space to roam freely. My poems are dedicated to every person in my life, to every circumstance who gave me new life through poems to limit my limited scope to pause. I hope that the flame of small hopes from the small village reached you and your affection and blessings Prahlad made.
बसंती जी की नई किताब ‘अधूरे अल्फाज’ को अमेजन से प्राप्त कर सकते है-
आपको लेखिका बंसती सामन्त जी का साक्षात्कार या उनके बारे में जानकर या उनके अनुभव आपको कैसा लगा, हमें कमेंट या सोशल मीडिया पर जरूर बताएं। यदि आप भी अपना साक्षात्कार या अनुभव हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें।
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hlo di congratulation aap or tarkki kre apne jiwan m aapka likhne ka jo josh tha wo aaj sabke samne aaya bhut ache ?